बिलासपुर
राकेश मिश्रा
स्वतंत्र भारत का असली स्वतंत्र कार्यालय देखना है तो जनपद कार्यालय तखतपुर आइए।तखतपुर जनपद कार्यालय वास्तव में पूर्ण स्वतंत्र कार्यालय है।यहां के अधिकारी कर्मचारी पूरी तरह निरंकुश है। यहां के अधिकारीयों कर्मचारियों पर शासन के नियम लागू नहीं होते है या यह कहें कि पालन करने के लिए बाध्य नहीं है।ऐसा इसलिए कहा जा सकता है कि यहां के अधिकारी और कर्मचारी अपनी मर्जी से कार्यालय आते है और अपनी ही मर्जी से चले जाते है।न किसी प्रकार के समय का बंधन और न ही दायित्वों के प्रति कोई उत्तरदायित्व का भाव ।जिसे देखें वहीं अपनी मर्जी का मालिक बना हुआ है।इन सब बातों का खुलासा जनपद पंचायत अध्यक्ष माधवी संतोष वस्त्रकार के निरीक्षण के दौरान हुआ है।मनरेगा शाखा के निरीक्षण के दौरान कार्यक्रम अधिकारी विकास जायसवाल सहित आधे से अधिक कर्मचारी कार्यालय में अनुपस्थित पाए गए।वहीं अधिकारी और कर्मचारी एक दूसरे को बचाने के लिए तरह तरह के बहाने बनाते दिखाई दिए।वही यह भी बात सामने आई कि खुद जनपद कार्यालय के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पूरे हफ्ते कार्यालय ही नहीं आए हैं।दूसरे दिन भी यही माहौल रहा और कर्मचारी अनुपस्थित ही रहे।वही बायो मेट्रिक मशीन आलमारी के नीचे डेढ़ महीने से धूल खाते पड़े होने की जानकारी हुई।

आपका काम हो जाएगा न मैडम
जनपद कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी इतने स्वेच्छाचारी हो गए है कि उन्हें जनप्रतिनिधियों से बहस करने से भी गुरेज नहीं होता है।अपने निरीक्षण के दौरान जब जनपद अध्यक्ष माधवी संतोष वस्त्रकार ने मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी को अनुपस्थिति का कारण जानने फोन लगाया तो उनका कहना था कि बीमारी के कारण नहीं आए है।वही उन्होंने खेद व्यक्त करने के बजाय अध्यक्ष को ही यह कहने लगे कि आपका काम हों जाएगा मैडम ।इसी तरह सीईओ सत्यव्रत तिवारी भी यहीं कहते रहे कि आपका काम नहीं रुकेगा मैडम।आपका काम हो जाएगा।अधिकारियों के इस तरह के जवाब से जनपद अध्यक्ष आश्चर्य चकित रह गई।उनका कहना था कि अपनी गलती पर खेद व्यक्त करने के बजाय लापरवाही पूर्वक मेरा काम हो जाने की बात कर रहे है।मुझे जनपद में कोई खास काम नहीं रहता।मगर पूरे जनपद क्षेत्र के ग्रामीण और हितग्राही रोज जनपद कार्यालय आते है ।लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की अनुपस्थिति के चलते मायूस होकर वापस चले जाते है।ऐसे में अधिकारियों या यह कहना कि जनप्रतिनिधियों का काम हो जाएगा आम जनता के प्रति उनके साथ भेद भावपूर्ण व्यवहार और आम जनता की समस्याओं के प्रति लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है।
बायो मेट्रिक मशीन आलमारी के नीचे खा रहा धूल

जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में अधिकारी कर्मचारी के बड़ी संख्या में कार्यालय में लगातार अनुपस्थिति का मामला उठा था।तब जनपद पंचायत अध्यक्ष ने सीईओ सत्यव्रत तिवारी को कार्यालय बायो मेट्रिक मशीन लगाने के लिए कहा था।लेकिन सबके सामने ही सीईओ ने बायो मेट्रिक मशीन लगाने में असमर्थता जता दी।लेकिन जनपद सदस्यों के दबाव में कार्यालय में बायो मेट्रिक मशीन लाया तो गया मगर उसे इंस्टाल नहीं किया गया।और जनपद के अलमारी के नीचे धूल खाने के लिए रखा दिया गया।इसकी जानकारी न तो अध्यक्ष को दी गई और न ही जनपद सदस्यों को दी गई।निरीक्षण पश्चात दूसरे दिन जब अध्यक्ष जनपद कार्यालय आई तो उन्हें बताया गया कि जनपद कार्यालय में बायो मेट्रिक मशीन लाया तो गया है ।मगर इंस्टाल नहीं किया गया है।इससे साफ समझा जा सकता है कि अधिकारी कर्मचारी नहीं चाहते कि उनके आने जाने पर किसी तरह का नियंत्रण हो और समय की पाबंदी हो।बायो मेट्रिक के होने की जानकारी होने पर अध्यक्ष माधवी वस्त्रकार ने उसे निकलवाया और तत्काल सारी प्रक्रिया पूरी कर 1 अक्टूबर से बायो मेट्रिक अटेंडेंस शुरू करने का निर्देश दिया।

जनपद सीईओ बिना छुट्टी एक सप्ताह से नहीं आए कार्यालय
वही जनपद पंचायत के अध्यक्ष डा. माधवी वस्त्रकार ने जनपद के सीईओ सत्यव्रत तिवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुवे बताया कि हम जनप्रतिनिधि प्रतिदिन कार्यालय आकर बैठ रहे है और क्षेत्र से जुड़े लोगे कि समस्या भी लगातार सुन रहे है, लेकिन कार्यालय के प्रमुख ही हफ्ते भर से गायब है मुझे लगता है कि ये वर्क फ्राम होम कर रहे है इसी लिए कार्यालय आना जरूरी नहीं समझ रहे है अगर कार्यालय के सबसे बड़े अधिकारी ही गायब है तो बाकी कर्मचारियों की मनमानी जोरो पर है। और सबसे बड़ी बात कि जनपद के अधिकारियों के उपस्थित पंजी में हस्ताक्षर नहीं होते तो ये सबसे बड़ा प्रश्न है कि इनकी सैलरी किस हिसाब से बनाई जाती है संबंधित बाबू को बुलाकर पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि जनपद सीईओ की उपस्थिति पंजी में नाम ही नहीं है ।यही आलम मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी के भी उपस्थित पंजी में नाम और हस्ताक्षर नहीं है ।मानो इनके लिए कोई नियम कानून ही नहीं है? जनपद कार्यालय में माननी जोरो पर है मैं इसकी शिकायत कर इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से जांच करवाने की मांग करूंगी ।