आरक्षक ने घर में घुसकर वसूले 20 हजार,और पैसे नहीं दिए तो बना दिया 34(2) का केस।पुलिस अधीक्षक से हुई शिकायत

बिलासपुर

राकेश मिश्रा

तखतपुर थाना में पदस्थ एक आरक्षक के ऊपर एक महिला ने जबरन घर में घुसने ,पैसे वसूली करने और पैसे नहीं देने पर पति के खिलाफ शराब बेचने का झूठा केस बनाकर जेल भेजने का गंभीर आरोप लगाया है। वही आरक्षक की शिकायत पुलिस अधीक्षक से भी गई है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार तखतपुर वार्ड क्रमांक 12 निवासी एक महिला ने तखतपुर थाने में लंबे समय से पदस्थ एक आरक्षक पर जबरन घर में घुसने ,पैसे वसूली करने और नहीं देने पर महिला के पति को पकड़कर जबरदस्ती अवैध शराब बेचने का मामला बनाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है।उसने पुलिस अधीक्षक के नाम लिखे आवेदन में बताया है कि तखतपुर थाने में पदस्थ आरक्षक क्रमांक 1287आकाश निषाद अपने एक साथी आरक्षक के साथ 2 अक्टूबर की सुबह 10 बजे जबरदस्ती घर में घूस गया और वीडियो बनाने लगा। साथ ही तुम लोग शराब बेचते हो कह कर धमकाते हुए 20 हजार रुपए की मांग की और झूठे मामले में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दे रहा था। हमने डरकर उसे 20 हजार रुपए दे दिए। 5 अक्टूबर को वह फिर घर में घूस आया और फिर से 10 हजार की मांग करने लगा साथ ही मुर्गा बनाने और हमर ही घर में खाने की बात कहने लगा ।उसको हमने पैसे देने से मना कर दिया। तो अगले ही दिन उसने मेरे पति को शराब भट्ठी से अपने पीने के लिए 4 पाव शराब लाते हुए पकड़ लिया और उसके विरुद्ध 30 पाव शराब लाने का झूठा मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। हम लोग गरीब है और आकाश निषाद और उसके सहयोगी आरक्षक द्वारा आए दिन घर में आकर झूठे मामले में फंसाकर जेल भेज देने की धमकी देकर पैसे की मांग की जाती थी।उनको पैसे नहीं दिए तो मेरे पति को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेज दिया है। पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए महिला ने आरक्षक आकाश निषाद और उसके साथी के विरुद्ध जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की है।अपनी शिकायत के साथ शिकायतकर्ती ने एक शपथ पत्र भी दिया है,जिसमें उसने शिकायत को सत्य बताया है।सम्भवतः ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत के साथ शपथ पत्र भी दिया है।

विवादित है आरक्षक
आरक्षक आकाश निषाद क्षेत्र में लंबे समय से पदस्थ है। वह यहां लगभग ढाई साल से पदस्थ है।इसके पूर्व भी वह लगभग तीन साल तक पदस्थ था। इस बीच केवल कुछ महीने के लिए ही उसकी पदस्थापना अन्य थाने हुई थी। उसके बाद वह पुनः तखतपुर थाने में पदस्थ हो गया है। इस दौरान क्षेत्र में उसके द्वारा अवैध वसूली करने की चर्चाएं लगातार लोगो और पुलिस कर्मियों के बीच चलती रहती।ऐसे ही एक घटनाक्रम में परसाकापा बराही में अवैध वसूली के लिए गया था तो वहां गांव वालो ने उसकी जमकर पिटाई की थी इसमें वह घायल भी हो गया था। इसमें गांव वालो के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था।

कोई महिला पुलिस भी साथ नहीं थी
आरक्षक आकाश निषाद के विरुद्ध आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ती ने बताया कि जब आकाश निषाद हमारे घर में जबरदस्ती घुसा तब उसके पास किसी सक्षम अधिकारी का अनुमति का पत्र भी नहीं था और न ही कोई महिला पुलिस बल साथ थी।जब वह हमारे घर आकर वीडियो बनाने लगा तो उस समय मेरी सास नहा रही थी और पूरे कपड़े भी नहीं पहने थे।उसे आते देखकर वह दूसरी तरफ छुप गई। शिकायतकर्ती ने कहा कि क्या पुलिस होने का यह मतलब है कि किसी के भी घर में किसी भी समय घूस जाएगा और वीडियो बनाने लगेगा?किस अधिकारी की अनुमति या आदेश था उसके पास ?किसके कहने पर वह घर में घुसा था?जब वह घर में आया तो पुलिस के नियमों का पालन क्यों नहीं किया?उसके साथ महिला पुलिस क्यों नहीं थी?आखिर किस अधिकारी के संरक्षण में उक्त आरक्षक के द्वारा लोगो के घर घुस कर झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर अवैध वसूली की जाती है और पैसे नहीं देने पर लोगों को झूठे मामले में फंसा दिया जाता है।


एक को पकड़ा दूसरे को छोड़ा
शिकायतकर्ता महिला के पति के साथ शराब लेकर आ रहे उसके साथी उमेश ने बताया कि मैं और विनोद दोनों पीने के लिए शराब लेकर आ रहे थे।तभी रास्ते में कॉलेज के पास बिना वर्दी के एक पुलिस वाला हमको पकड़ कर थाने ले गया।वहां हमारे शराब के साथ थाने से और शराब निकालकर मिला दिए और विनोद के विरुद्ध शराब बेचने का मामला बना दिया।जबकि मुझे घर जाने के लिए कह दिया।जब मैं उसके परिजनों को सूचना देकर वापस थाने आया तो देखा कि पुलिस वाले थाने की शराब और विनोद को लेकर कहीं गए और थोड़ी देर बाद वापस आ गए।उसके बाद विनोद को लेकर झूठा मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।

इस विषय में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा का कहना है कि महिला की शिकायत मिलने पर जांच टीम गठित कर जांच कराई जाएगी।उसके बाद जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

देखें क्या बताया महिला और उमेश ने