पटवारी के चक्कर लगवाने से ज़बान हो रही थी झूठी, किसान ने मरना बेहतर समझा।

तखतपुर

ब्यूरो

कुछ लोगों के लिए जबान की कीमत आज भी जान से ज्यादा है।ऐसे ही जबान के धनी व्यक्ति छोटू कैवर्त ने ऋण पुस्तिका के लिए पटवारी द्वारा लगातार चक्कर कटवाने के कारण अपनी जबान झूठी होते देख डूमर पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली।अपनी आत्महत्या से पहले उसने इसके लिए पटवारी को ही जिम्मेदार ठहराया है।पटवारी निलंबित होकर गिरफ्तार हो गया है।

राजाकापा में आज एक किसान छोटू कैवर्त पिता पंचराम कैवर्त 58 वर्ष ने अपने खेत के पास डूमर पेड़ पर गमछे से लटककर फांसी लगा ली।फांसी लगाने से पहले छोटू ने दो लाइन का एक अंतिम पत्र (सुसाइड नोट) लिखा है।जिसमे उसने पटवारी द्वारा 5000 लेकर भी ऋण पुस्तिका नही बनाये जाने को अपनी मौत का कारण बताया है।दरअसल छोटू अपनी 70 डिसमिल जमीन को बेचना चाहता था।लेकिन ऋण पुस्तिका गुम हो गयी थी।ऋण पुस्तिका बनवाने के लिए पटवारी उत्तम प्रधान से डेढ़ महीने पहले संपर्क किया।पटवारी ने पांच हजार खर्च लगने की बात कही तो छोटू ने उसे पांच हजार दे भी दिए।लेकिन पटवारी द्वारा ऋण पुस्तिका नही बनाया गया।इस बीच पटवारी की बातों में भरोसा करके छोटू ने अपनी जमीन का सौदा कर दिया।लेकिन ऋण पुस्तिका नही बन पाने के कारण रजिस्ट्री नही हो पा रही थी।इससे हताश सब्जी की करने वाले किसान छोटू ने आत्महत्या कर ली।

बेटों ने बताया कारण

छोटू के बेटों रज्जु और राजू कैवर्त ने बताया कि जमीन बेचने के लिए ऋण पुस्तिका बनवाने के लिए डेढ़ महीने पहले मिले थे।पटवारी ने पांच हजार लगने की बात कही थी ,जिसे पांच हजार दे दिए थे।उसके बाद कई बार गए तो पटवारी ने ऑन लाइन चढ़ाने की बात बताई लेकिन ऋण पुस्तिका नही दी।कल जब फिर पटवारी के पास गए और एक दो हजार और ले लो लेकिन ऋण पुस्तिका दे दो बोले तो उसने थाने में एफआईआर कराने तहसील में सूचना देने और उसके एक डेढ़ महीने बाद ऋण पुस्तिका बनने की बात कही।इससे मेरे पिता जी निराश हो गए।आज फिर पटवारी के पास जाने वाले थे मगर यह घटना घट गई।

यह था सुसाइड नोट में

तखतपुर के राजाकापा के छोटे किसान छोटू कैवर्त ने आज पटवारी के द्वारा ऋण पुस्तिका नही बनाये जाने को लेकर डूमर पेड़ में गमछे से लटककर आत्महत्या कर ली।मृतक की लाश को सबसे पहले उसकी पत्नी ने ही देखा और अपने बच्चों को आवाज लगाकर बुलाया।मरने से पूर्व छोटू कैवर्त ने दो लाइन के अंतिम नोट में बताया है कि
“पटवारी परची नही दिया,इसी नामसे मैंने आतम हतिया किया है,5000 हजार दिया है।रज्जु अपने अम्मा को बहत प्यार और दुलार करना* ।
जय जय श्री राम ।”

इसके लिए जरूरी थी ऋण पुस्तिका

मृतक राजाकापा में अपनी 70 डेसीमल जमीन बेचकर बहुरता खार में अपने खेत के पास जमीन लेना चाह रहा था।इसके लिए उसने निगारबन्द के एक व्यक्ति से सौदा तय कर लिया था।रजिस्ट्री के लिए ऋण पुस्तिका की आवश्यकता थी जो कि गुम हो गयी थी।ऋण पुस्तिका बनवाने के लिए पटवारी उत्तम प्रधान से डेढ़ महीने पहले मिले, तो उसने पांच हजार लगने की बात कही।मृतक ने पांच हजार दे भी दिए लेकिन उसे पटवारी ने ऋण पुस्तिका बनाकर नही दी।इसके कारण उसके जमीन की रजिस्ट्री नही हो पा रही थी और उसकी जबान खाली जा रहा था।पटवारी से बार बार संपर्क करने पर वह गोल मोल जवाब देता रहा मगर ऋण पुस्तिका बनाकर नही दिया।इस बीच जमीन का सौदा कर बैनामा ले लेने और रजिस्ट्री नही हो पाने के कारण उसकी जबान झूठी हो रही थी।इससे क्षुब्ध होकर छोटू ने अपना जीवन समाप्त कर लिया।

सभी सदस्य मिलकर करते थे सब्जी की खेती

मृतक और उसके दोनों बेटे पेशेवर किसान है ।उनके पास लगभग पौने तीन एकड़ जमीन है ,जिसमे से 70 डेसीमल राजाकापा खार में है तो एक एकड़ और सत्तर डेसीमल बहुरता खार में है।रता जमीन मेंं बोर कराकर सब्जी की खेती करता था।बहुरता खार में उसकी जमीन से लगी किसी और कि जमीन बिक रही थी, जिसे मृतक लेना चाह रहा था।इसके लिए वह राजाकापा खार की अपनी 70डेसीमल जमीन बेचने चाह रहा था।जो नही बिक पाने के कारण किसान क्षुब्ध था,क्योंकि पटवारी पैसे लेने के बाद भी ऋण पुस्तिका नही बना रहा था।

हर्षिता पांडेय ने मांगा पीड़ित परिवार के लिए 25 लाख और न्यायिक जांच

किसान के द्वारा पटवारी से परेशान होकर आत्महत्या करने की सूचना पर राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय मृतक किसान के परिवार से मिलने पहुंची,और उन्हें ढांढस बंधाया।इसके बाद उन्होंने कहा कि
छत्तीसगढ़ में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे है।लगभग 350 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है।लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नही रेंग रही है।तखतपुर की घटना किसानों पर राजस्व अधिकारियों की मनमानी और प्रताड़ना का एक और उदाहरण है।यह घटना दुखद होनेके साथ साथ चिंतनीय भी है।प्रदेश में खुद को किसानों की हितैषी बताने वाले कि सरकार है।लेकिन किसान आत्महत्या करने मजबूर है।में शासन से पीड़ित परिवार के लिए पच्चीस लाख के मुआवजे और न्यायिक जांच की मांग करती हूँ।

पटवारी सस्पेंड और गिरफ्तार

छोटू द्वारा पटवारी को जिम्मेदार ठहराते हुये सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगाने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गयी और प्रशासन में हड़कंप मच गया ।आनन फानन में आज छूट्टी का दिन होने के बाद भी एसडीएम आनंद रूप तिवारी ने पटवारी उत्तम प्रधान हल्का नंबर 10 निगारबन्द क्षेत्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।वही पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप के पटवारी को उसके रतनपुर स्थित निवास से गिरफ्तार कर तखतपुर न्यायालय में प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे थे।

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