चंगोरी ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव की एसडीएम से हुई शिकायत,अनियमितता का लगाये आरोप।

कोटा

हरीश चौबे

कोटा जंपाद क्षेत्र के ग्राम पंचायत चंगोरी के जन प्रतिनिधियों ने ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव की शिकायत एसडीएम से की है।जनप्रतिनिधियों ने सरपंच और सचिव पर पंचायत में नियमितता आरोप लगाते हुये लोगो को जन सुविधाएं मिलने में परेशानी होने का आरोप लगाया है।शिकायत करते हुए एसडीएम कार्यालय में 11 बिंदु का ज्ञापन सौंपा है।

जनपद पंचायत कोटा के ग्राम पंचायत चांगोरी के उपसरपंच सोनिया यादव और पंच सहित ग्रामीणों ने सरपंच पति प्रभु जगत व सचिव गोविंद मेश्राम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जांच कर कार्यवाही की मांग करते हुए कोटा एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौपा है।11 बिंदुओं में दिए गए ज्ञापन में 14वे वित्त की राशि में भारी अनियमितता, लागत से अधिक कि बिल बनाकर शासकीय राशि का दुरुपयोग कर पंचायत को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है।सचिव के द्वारा नियत तिथि में मासिक बैठक ना लेना, आय व्यय की जानकारी पूछने पर गलत जानकारी देना, मूलभूत योजना तथा तालाब लीज की राशि का दुरुपयोग किया गया, विधायक मद से स्वीकृत मंच का राशि आहरण करने के बाद भी काम नहीं किया गया, पिछले वर्ष प्रवासी मजदूरों के व्यवस्था के लिए किए गए खर्च की राशि में अनियमितता कर सरपंच पति के द्वारा खुद के नाम से किराना बिल लगाकर राशि आहरण किया गया।सरपंच पति के द्वारा पंचायत में सभी निर्माण कार्य की देखरेख किया जाता है। तथा मासिक बैठक में अनुपस्थित रहता है सरपंच से हिसाब पूछने पर अनभिज्ञता जाहिर करती है। इस कार्य में भी सचिव के द्वारा उन्हें भरपूर सहयोग किया जाता है, वार्डो में मूलभूत समस्याओं की है , जिस पर सचिव के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता तथा वार्ड प्रतिनिधि के द्वारा कार्य कराए जाने पर उनके भुगतान में ना होना, पंचायत सचिव गोविंद मेश्राम का मोबाइल हमेशा बंद और नियमित रूप से पंचायत मे नहीं आना,जिसके कारण समस्त ग्रामवासी परेशान रहते हैं। सचिव के द्वारा राशि का खर्च करने में तथा निकासी में पंचों की राय नहीं लिया जाता है, तथा सरपंच के साथ मिलकर मनमानी करता है।आदेश क्रमांक 362/ 14/9/2016 के तहत स्वीकृत कार्य नाली निर्माण कार्य 100 मीटर में फर्जी बिल लगाकर राशि आहरण कर लिया गया तथा मटेरियल सप्लायर का भुगतान अभी तक बकाया है। जैसी लिखित शिकायत एसडीएम कोटा से की गई है।

सचिव का पक्ष जाने उनके मोबाइल पर फ़ोन लगाया गया तो शिकायत में लिखे अनुसार मोबाइल बन्द पाया गया।

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