मुंगेली
सदाराम कश्यप-
क्षेत्र में मवेशी तस्करी का पर्याय बन गए डेनिएल बंधु चिंटू और मिंटू आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ है गए।पूर्व में कई गयी कार्यवाहियों में दोनों भागने में सफल हो जाते थे।अबकी बार जरहागांव पुलिस ने घेरा बंदी कर दोनों को दबोच लिया उनके साथ तख़तपुर के एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है।दोनों भाइयों का नाम तख़तपुर और जरहागांव क्षेत्र में पशु तस्करी के लिए कुख्यात है।
जरहागांव थाना क्षेत्र ही नही तख़तपुर क्षेत्र में भी पशु तस्करी के लिए कुख्यात मवेशी तस्करो को पकड़ने में जरहागांव पुलिस को सफलता मिली है।ग्राम भथरी निवासी मवेशी तस्कर अभिलाष कुमार उर्फ चिंटू डेनियल और अविकास उर्फ मिंटू डेनियल एवं ट्रक चालक के द्वारा कृषि योग्य बछड़ा, बैल एवं गाय की तस्करी काफी समय से दूसरे राज्य में किया जा रहा था।दिनांक 23 अप्रैल को उपरोक्त आरोपियों के द्वारा पशु तस्करी की जा रही थी,जिसकी रिपोर्ट जरहागांव थाने में पशु क्रूरता अधिनियम और कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे। उस समय पुलिस द्वारा दी गई दबिश में समय आरोपी गण घटनास्थल से फरार हो गए थे और लुक छुप कर पुनः मवेशी तस्करी का कार्य कर रहे थे।29 मई को पुनः चिंटू डेलियन एवं मुकेश निर्मलकर के द्वारा पशु तस्करी किए जाने की सूचना पर रेड कार्यवाही की गई थी और उनके खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम और कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस बार भी चिंटू डेनियल भागने में सफल हो गया था,जबकि ट्रक ड्राइवर मुकेश कुमार निर्मलकर गिरफ्त में आया था। मई में हुए इस कार्यवाही के बाद आरोपी अपनी पहचान छिपाकर जगह बदल-बदल कर रहा था ।इनकी तलाश में जरहागांव पुलिस लगातार घूम रही थी। आज 5 जुलाई को प्रातः मुखबिर से सूचना मिली कि चिंटू डेनियल एवं मिंटू डेनियल अपने गांव भथरी के मुर्गी फार्म में छिपे हुए हैं। सूचना से उच्चाधिकारियों को अवगत करा कर थाना प्रभारी उपनिरीक्षक भूपेंद्र चंद्रा के नेतृत्व में जरहागांव थाना स्टाफ के द्वारा मुखबिर द्वारा बताये गए स्थान पर दबिश दी गई। पुलिस को आता देख आरोपी गण अलग-अलग दिशा में भागने लगे जिन्हें जरहागांव थाने के स्टाफ के द्वारा दौड़ा कर पकड़ा गया। इस दौरान एक अन्य आरोपी अशोक श्रीवास पिता पंचराम श्रीवास तखतपुर भी आरोपियों के साथ पकड़ा गया। आरोपियों से पूछताछ करने पर उन्होंने अपना जुर्म कबूल करते हुए दोनों मामलों में संलिप्तता स्वीकार कर लिया। आरोपियों के अपराध स्वीकार करने के पश्चात उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इस कार्यवाही में सहायक उपनिरीक्षक एस आर राजपूत, आरक्षक अनिल यादव,आरक्षक राजू साहू,आरक्षक सुशांत पांडेय, आरक्षक वीरेंद्र राजपूत का सहयोग रहा ।