क्षेत्र में धूम धाम से मनाया गया दान कंपर्व छेरछेरा।

तख़तपुर

गोविंद सिंगरौल

छत्तीसगढ़ी संस्कृति में दान के लिए मनाया जाने वाला पर्व छेरछेरा तख़तपुर के ग्रामीण क्षेत्रो के साथ साथ नगर में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।नगर के लगभग सभी वार्डो में बच्चो को घर-घर जाकर छेरछेरा की आवाज लगाते सुना गया।

ग्रामीण परिवेश में दान का महत्व बताने मनाया जाने वाला सांस्कृतिक पर्व छेरछेरा क्षेत्र में बड़े धूम धाम से मनाया गया।ग्राम पंचायत मोछ में धूमधाम से छेरछेरा त्यौहार मनाया गया। पौष महीने की पुन्नी(पूर्णिमा) तिथि को प्रति वर्ष दान का महापर्व छेरछेरा का त्यौहार खुशी से मनाया जाता है! इस दिन दिन बच्चे विशेष रूप से प्रातः से ही घर घर जाकर अन्न का दान मांगते है। युवक-युवतियां भजन मंडली वाले भी ढोलक,झांझ, मजीरा के साथ हरिकीर्तन करते हुए डंडा नाच कर घर घर जाकर छेरछेरा का दान मांगते दिखाई दिए। दान मांगने के दौरान “छेरछेरा— माई कोठी के धान ल हेरहेरा” का आवाज सुनते ही घर के बड़े बुजुर्ग दरवाजे पर खड़ाहोकर सबको अन्न, रुपये व अन्य चीजें दान में देते दिखाई दिए!बच्चे टोलियों में गली गली घूमते और दान मांगते दिखाई दिए। क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में मोछ, गिरधौना, मोढ़े, पड़रिया ,सिलतरा में बच्चे दान के लिए घूमते और छेरछेरा माई कोठी के धान ल हेरहेरा की आवाज निकालते घूमते दिखाई दिये।नगर के भी सभी वार्डो में भी बच्चे छेरछेरा मांगते दिखाई दिए। इस दान पर्व का एक उद्देश्य और मान्यता है कि गॉव में बसने वाले कमजोर से कमजोर वर्ग के लोग भी भूखा न रहे इसलिए यह दान दिया जाता है! कहा जाता है अन्न दान देने से घर मे सुख-शांति व सुख समृद्धि का विकास होता है! इसी प्रकार इस वर्ष भी 28 जनवरी 2021 दिन गुरुवार को छेरछेरा का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया!

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