मस्तूरी
सूरज सिंह – कोविड-19 के कारण वैसे ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे मजदूरों को रोजगार सहायक की लापरवाही भारी पड़ रही है।इसका खामियाजा मनरेगा मजदूरों को अपनी मजदूरी की बात जोहते उठाना पड़ रहा है।मामला ग्राम पंचायत केवटाडीह टांगर पंचायत का है।यहां 15 मजदूर अपनी मजदूरी के लिए भटक रहे हैं।

कोरोना महामारी से मजदूर वर्ग वैसे ही आर्थिक रूप से परेशान है।इसे ध्याम में रखते हुए राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरों को काम के एक हफ्ते के अंदर ही भुगतान करने का निर्देश दिया था।लेकिन केवटाडीह टांगर ग्राम पंचायत के 15 मजदूर अपने मनरेगा मजदूरी के भुगतान के लिए भटक रहे है।वे जब रोजगार सहायक परदेसी साहू से इस विषय के बात करते है तो उसके द्वारा संतोषजनक उत्तर नही दिया जाता है।उसका कहना है कि मेरी कोई गलती नही है।ऊपर से ही नही आया है लेकिन उसका कारण नही बताता है।यह पहला अवसर नही है जब रोजगार सहायक की लापरवाही मजदूरों को भारी पड़ रहा है।पहले भी मजदूरों को अपनी मजदूरी के लिए भटकना पड़ा है।इस विषय मे जब सरपंच प्रतिनिधि मुरारी साहू कहना है कि मेरे पास भिंराजगार सहायक की शिकायत आयी है।उसे इस विषय का तत्काल निराकरण कर मजदूरों का भुगतान करने कहा गया है।ययदी ऐसा नहीं होता है उचित कार्यवाही के लिए उच्च कार्यालय को लिखा जाएगा।