पूजा और वंदना के बीच होगा सीधा और कड़ा मुकाबला?जनता के लिए चुनाव में होगी दुविधा।

बिलासपुर

ब्यूरो

नगर पालिका तखतपुर में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला होगा।इस बार तखतपुर नगर पालिका का अध्यक्ष चुनाव रोचक और करीब नातीजेंडे सकता है क्योंकि एक तरफ भाजपा से वंदना बाला ठाकुर को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया है।तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने पूर्व विधायक के परिवार से रविंदर कौर मक्कड़ को टिकट दे दिया है।

नगर पालिका तखतपुर के अध्यक्ष पद का आरक्षण में सामान्य महिला घोषित होते ही लोगो के बीच चर्चा का विषय हो गया था कि भाजपा और कांग्रेस से टिकट किसको मिलेगा और किनके बीच मुकाबला मजेदार और कड़ा हो सकता है।ज्यादातर चर्चाओं में मक्कड़ परिवार से किसी के चुनाव लड़ने और भाजपा से विधायक के करीबी परिवार से वंदना बाला को टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही थी।साथ ही इनके बीच मुकाबला कड़ा और संघर्षपूर्ण होने की बात कही जा रही थी।लेकिन इन सब के बीच दोनो पार्टियों से टिकट के दावेदारों के द्वारा अपनी अपनी क्षमता और पहुंच के साथ अपने लिए टिकट लाने के लिए पूरी जोर आजमाईश किया जा रहा था।जहां कांग्रेस से नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बिहारी देवांगन अपनी पत्नी सुकन्या के लिए टिकट की जद्दोजहद में थे।वही नगर पालिका पूर्व अध्यक्ष अजय देवांगन भी गौरी देवांगन को टिकट के लिए जोर लगा रहे थे।जबकि मक्कड़ परिवार अपने लिंक्स पर मजबूती से अंदर ही अंदर काम कर रहा था।वही भाजपा में नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष और व्यावहारिक छवि के बंशी पांडे ने भी अपनी पत्नी सरला पांडे को टिकट दिलाने के लिए भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह के साथ साथ जिले के अन्य विधायकों और पार्टी के प्रदेश के शीर्ष नेताओं के समक्ष भी अपनी बात रखते हुए पूरी जोर आजमाईश किया।लेकिन उनका प्रयास संपर्क पर्याप्त नहीं रहा।बता दें कि बंशी पांडे उप मुख्यमंत्री अरुण साव के करीबी माने जाते हैं।उनकी दावेदारी का असर इतना रहा कि जिले तखतपुर नगर पालिका के अध्यक्ष प्रत्याशी पर अंतिम समय तक चर्चा चलती रही ।मगर इन सबके बीच धर्मजीत सिंह के नजदीकी का फायदा ठाकुर परिवार को मिला और वंदना बाला सिंह को टिकट मिल गया।वही कांग्रेस से मक्कड़ परिवार जिस शांति और बिना किसी प्रदर्शन से टिकट के लिए जुटी रही वह कारगर हुआ और रविंदर कौर(पूजा)मक्कड़ का नाम टिकट के साथ जोड़ दिया गया।

अब दोनो ही प्रमुख पार्टियों के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की घोषणा हो जाने के बाद जनता को चुनाव करने के लिए बहुत विचार विमर्श करने की आवश्यकता हो गई है।एक तरफ मक्कड़ परिवार है,जिनके परिवार से सुरेंद्र कौर मक्कड़ अध्यक्ष रही है और उनके कार्यकाल में किए गए काम आज भी जन चेतना में चित्रित है और नगर में दिखाई दे रहे हैं।आमजनता उनके कार्यकाल को तखतपुर के विकास का स्वर्णिम काल मानता है।क्योंकि उस कार्यकाल में हुए काम ठोस और गुणवत्ता से पूर्ण थे।लोग वर्तमान में कराए गए विकास कार्यों की तुलना मक्कड़ परिवार के द्वारा कराए गए कार्यों से करते है तो पुराने काम आज भी बीस ही निकलते हैं।इसके चलते यदि ठोस और गुणवत्तापूर्ण कार्य की अपेक्षा रखने वाले मक्कड़ परिवार से प्रभावित हो सकते हैं।

वहीं यदि भाजपा प्रत्याशी की बात करें तो विधायक के करीबी हैं।सत्ता शासन के साथ हैं उपाध्यक्ष के रूप के काम का अनुभव है।जिस वार्ड से पार्षद चुनकर आई है, उस वार्ड में करोड़ों के विकास कार्य कराए गए है। हर तीज त्यौहारों में लोगो के घर शुभकामनाओं के साथ यथा अवसर सामग्री देते आए है,जो उनकी अपनी जिम्मेदारी और व्यवहार के प्रति सजगता का परिचायक है।वंदना बाला सिंह के परिवार विधायक के नजदीक होने के फायदा नगर में विकास कार्यों के लिए बजट जुटाने में मिलेगा।इससे नगर के तेजी से विकास की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।वंदना अध्यक्ष बनती है तो सब कुछ अनुकूल है।क्षेत्र के विधायक भाजपा के हैं, जिनसे उनके पारिवारिक संबंध है इसी के साथ प्रदेश और केंद्र दोनो में भाजपा की ही सरकार है।विधायक भी कई अवसरों पर उत्कृष्ट विधायक का सम्मान प्राप्त कर चुके है। अतः उनके सानिध्य में वंदना का कार्यकाल तखतपुर के लिए लंबे समय तक याद किया जाने वाला कार्यकाल हो सकता है।

वहीं मक्कड़ परिवार की बात करें तो उनके परिवार से एक सदस्य पूर्व में तखतपुर का विधायक रह चुके हैं।पूजा मक्कड़ की सास तीन बार नगर की अध्यक्ष के पद को सुशोभित कर चुकी है ।इस दौरान उनके नेतृत्व में नगर में हुए काम आज भी याद किए जाते है।सुरेंद्र कौर मक्कड़ के समय उन परिस्थितियों में भी नगर का विकास हुआ है जब सत्ता और शासन विपक्ष का था और विधायक भी विपक्ष के रहे।तात्पर्य यह कि मक्कड़ परिवार जानता है कि नगर के विकास कार्यों के लिए पैसा कहां से और कैसे लाया जाता है। विपरीत परिस्थितियों में नगर का समुचित विकास कैसे कराया जाता है।यह बात मक्कड़ परिवार को अच्छे से पता है।वैसे देखें तो तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह से भी उनके संबंध मधुर हैं। ऐसे में यदि पूजा मक्कड़ अध्यक्ष का चुनाव जीतती है तो विधायक का पूरा सहयोग सभी नकारात्मक बातो को किनारे करते हुए मिलेगा ही।

जनता की अपेक्षा दोनो से है।दोनो में से कोई भी जीते नगर का विकास कराना दोनो की प्राथमिकता रहेगी।नगर में विकास के पैमाने पर खरा उतरने पर दोनो की विधायक पद की दावेदारी भी मजबूत हो सकती है।इस विषय में जन चर्चा यह भी है कि यह विधायक टिकट की दावेदारी का मजबूत आधार बनने वाला है और यह चुनाव विधायक के लिए रिहर्सल माना जा रहा है।अब जनता के सामने अच्छे विकल्प के साथ दुविधा भी रहेगी की बटन आखिर कौन सा दबाए ,जिससे नगर के शांति और भयमुक्त वातावरण के साथ तेजी से विकास हो।विजेता चाहे जो भी बने जनता के दोनो हाथो में लड्डू है चाहे चुनाव के लिए बंटने वाले व्यवहार के रूप में हो या नतीजों के बाद नगर में होने वाले काम के रूप में हो।इस बार जनता ही जीतने वाली है क्योंकि जनता को विकास करने वाला नेता चाहिए जो उसे मिलना तय है।

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