बिलासपुर
राजीव दुबे
हिंदी फिल्म जगत में डिस्को किंग के।नाम से मशहूर बप्पी लहिरी का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।रात 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।पिछले साल हुए कोरोना के बाद वे लगातार अस्वस्थ्य थे और उनका इलाज क्रिटी केयर अस्पताल में चल रहा था।बप्पी दा सोने गहने पहनने के शौकीन थे और संगीत के अलावा सोना और चश्मा भी उनकी पहचान थी।उन्होंने फिल्मों में संगीत देने के साथ साथ गायन और अभिनय भी किया है।

बॉलीवुड सहित हिंदी फिल्म संगीत प्रेमियों को इस महीने में दूसरे बड़े दुख का सामना करना पड़ा है।स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन के बाद कल रात अपने संगीत से लोगो को झूमने और नाचने पर विवश कर देने वाले अलोकेश लाहिरी उर्फ बप्पी लाहिरी का निधन हो गया।कल रात 11 बजे मुम्बई के एक हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली।उनके निधन पर संगीत और फ़िल्म जगत के लोगो के अलावा प्रधानमंत्री सहित कई राजनेताओं ने भी दुख व्यक्त किया है।बप्पी दा के नाम से मशहूर बप्पी लाहिरी को बॉलीवुड में डिस्को संगीत लाने का श्रेय दिया जाता है।उन्होंने नमक हलाल, डिस्को डांसर, शराबी, डांस डांस और कमांडो में कारण प्रिय संगीत दिया है।उनके संगीत के लिए उन्हें 2018 में लाइफ टाइम अचीवमेन्ट अवार्ड के साथ साथ 1982 और 1985 में बेस्ट म्यूजिशियन का फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड भी दिया गया था।2012 में डर्टी पिक्चर के ‘उह ला ला’ गाने के लिए बेस्ट क्रिटिक पुरुस्कार भी दिया गया था।बप्पी दा का जन्म 17 नवंबर 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था।पिछले साल उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था,जिसके बाद से उनका स्वास्थ्य नरम गरम चल रहा था।पिछले काफी दिनों से क्रिटी केअर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
सोने के गहने पहनना था उनकी पहचान
बप्पी लहिरी को सोना पहनना और हमेशा चश्मा लगाकर रखना बेहद पसंद था।वे हमेशा सोने की मोटी-मोटी चेन और हाथ में बड़ी-बड़ी अंगूठियां और ढेर सारे गहने पहनते थे और यही उनकी पहचान भी थी। बप्पी लहिरी को बॉलीवुड का पहला रॉक स्टार सिंगर भी कहा जाता है।