बिलासपुर
राकेश मिश्रा
पत्नी की बेवफाई से दुखी पति के आत्महत्या के मामले में आरोपी भाजपा नेता के बेटे के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने से परिजन आक्रोशित हो गए है ,और शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।वही पुलिस अभी भी मामले में लापरवाही बरतते हुए जांच के नाम पर आरोपी को फरार होने का पर्याप्त अवसर दे रही है।मृतक के दसवें के दिन आदिवासियों की बड़ी बैठक होगी जिसमें पुलिस की पक्षपातपूर्ण कार्यवाही को लेकर ठोस निर्णय लिए जाने की बात भी की जा रही है।

तखतपुर के बेलपान में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष छोटे लाल कौशिक के बेटे दद्दू कौशिक के विरुद्ध आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में कार्यवाही नहीं किए जाने से नाराज परिजन शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच गए वह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा से मुलाकात कर आरोपी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की है। तखतपुर के बेलपान में एक आदिवासी मजदूर देवलाल मरकाम ने भाजपा मंडल विजयपुर के पूर्व मंडल अध्यक्ष छोटे लाल कौशिक के पुत्र दद्दू कौशिक पर अपनी पत्नी को भगाकर ले जाने का आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट में मृतक ने बताया था कि छोटे लाल कौशिक का बेटा दद्दू कौशिक मेरी पत्नी को अपने साथ ले गया है।इससे मैं बहुत परेशान हूं मेरी मौत का कारण दद्दू कौशिक है।मेरे दोनों छोटे बच्चों की जवाबदारी भी अब उसी की होगी।

बता दें कि बेलपान निवासी देवलाल उम्र 52 वर्ष मटसगरा के गिट्टी खदान में काम करता था।उसके घर के पास भाजपा नेता छोटेलाल कौशिक का बेटा दद्दू कौशिक किराना दुकान चलाता है।इस दौरान दद्दू कौशिक का देवलाल की पत्नी अनीता मरकाम से गहरा संबंध बन गया था।देवलाल ने उन दोनों को कई बार आपत्तिजनक हालत में देखा था।गांव के अन्य लोगों के साथ देवलाल ने दद्दू कौशिक को उसके पिता जी की समाज में सम्मान होने का हवाला देकर ऐसा करने से मना किया था।अगस्त में देवलाल ने उन दोनों को फिर से आपत्ति जनक हालत में देख लिया था।उस समय विवाद के बाद देवलाल की पत्नी दद्दू कौशिक के साथ चली गई थी।इससे देवलाल परेशान था और मानसिक अवसाद में आ गया था ।इसी के चलते उसने आत्मघाती कदम उठा कर फांसी लगा ली ।और अपनी मौत के लिए दद्दू कौशिक को ही जिम्मेदार बताया है।

पुलिस कार्यवाही पर संदेह
देवलाल आत्महत्या के मामले में पुलिस कार्यवाही संदेह के दायरे में है।इसके पीछे का कारण शव के पंचनामा कार्यवाही से ही शुरू हो जाता है।जब पुलिस ने सुसाइड नोट को दबानेंका प्रयास किया और परिजनों को भी नहीं बताया कि कागज के टुकड़े में क्या लिखा है।मगर परिजनों और गांव वालो के दबाव के आगे पुलिस को सुसाइड नोट को सबके सामने पढ़कर सुनाना पड़ा।वही उसी समय देवलाल की हैंडराइटिंग का भी मिलन किया गया,जिसमें हैंडराइटिंग देवलाल का ही होना पाया गया।साथ ही परिजनों और गांव वालो के बयान में भी एकरूपता होने के बाद भी जांच के बाद कार्यवाही किए जाने की बात कहना पुलिस की कार्यवाही पर संदेह पैदा करता है।अभी तक पुलिस द्वारा मामले के आरोपी के विरुद्ध किसी प्रकार को कार्यवाही नहीं की गई है।इससे ही परिजन आक्रोशित है और पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे है।
दशगात्र के बाद हो सकता है थाने का घेराव
3 अक्टूबर को देवलाल का दशगात्र है।इस कार्यक्रम में समाज के मुखियाओं सहित बड़ी संख्याएं आदिवासी समाज के लोग जुटेंगे।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस दौरान यदि पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है तो आदिवासी समाज थाना के घेराव का निर्णय ले सकता है और बड़े आंदोलन की कार्ययोजना भी बनाई जा सकती है।
वही मामले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा का कहना है कि बेलपाने आदिवासी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया है।सुसाइड नोट भी मिला है सुसाइड नोट की जांच की जा रही ।उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी