बिलासपुर
ब्यूरो –
देश का झण्डा तिरंगा,नहीं चलेगा दो रंगा
रायपुर। देश के प्रत्येक नागरिक को यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज अपने आरंभ से किन-किन परिवर्तनों से गुजरा। इसे हमारे स्वतंत्रता के राष्ट्रीय संग्राम के दौरान किन किन लोगों ने खोजा या मान्यता दी गई। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास आज के इस रूप में पहुंचने के लिए अनेक दौरों में से गुजरा पड़ा इस स्वरूप से यह राष्ट्र में राजनैतिक विकास को दर्शाता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज के विकास में कुछ ऐतिहासिक पड़ाव है जिनके बारे में आज अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय विशारद प्रशिक्षण शिविर में राष्ट्रीय सचिव पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने जानकारी देते हुये कही ।
सेवादल विशारद शिविर में देश के राष्ट्रध्वज इतिहास की बौद्धिक क्लास को संबोधित करते हुये चन्द्र प्रकाश बाजपेयी पूर्व विधायक ने कहा देश का झण्डा तिरंगा है जिस तिरंगे को हम आज़ादी के पूर्व से 1921 से राष्ट्र ध्वज स्वरूप फहरा रहे है उसे दो रंगो में कभी भी बटने नहीं देंगे देश का झण्डा हमारी धरोहर है इसकी रक्षार्थ सेवादल अपना सब कुछ निछावर कर सकता है । उन्होंने अव्हान किया सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई जी के निर्देशन में सेवादल कार्यकर्ता देश के प्रत्येक गाँव झण्डा लेकर राष्ट्रीय एकता का संदेश देगा देश में पुनः सदभावना व भाई चारा स्थापित करेगा । उनके हाँथ में डंडा है हमारे हाथ में झण्डा है ।वो डण्डे से तोड़ेंगे हम झण्डे से जोड़ेंगे ।
आज प्रातः 10-00 बजे शिविर परिषद पधारने पर श्री बाजपेयी का गर्म जोशी से शिविराधिपति प्रताप नारायण मिश्रा ने सूत की माला पहनाकर व अन्य सेवादल सेनानियों ने स्वागत किया ।
उनके आते ही शिविर में उनके जोशीले उदबोधन से उत्साह फैल गया । उन्होंने प्रत्येक सेनानियों को संकल्प करवाया कि यहाँ से लौटने के उपरांत आप सभी माह के अंतिम रविवार को अपने किसी न किसी क़सबे गाँव में ध्वजारोहण करवायेंगे । ज्ञात हो कि यह शिविर अब उमड़ चला है अनुशासन,राष्ट्र सेवा,नेतृत्व निर्माण,देश की चुनौतियाँ पर प्रतिदिन वक्ता व्याख्यान दे रहे है ।इस राष्ट्रीय शिविर को क्रमशः प्रताप नारायण मिश्रा.अरुण ताम्रकार,देवेंद्र शर्मा,संतोष पांडेय,विष्णु शर्मा,पवन चौधरी,अशोक क्रांतिकारी,मनोज वर्मा,मीत पटेल,नारायण कुमार,शिव प्रसाद अग्रहरी,उदय सिंह.अनित पुरी,मंजु लता आनंद,देव चंद्राकर आदि पदाधिकारी प्रशिक्षण दे रहे।