हंगामेदार सामान्य प्रशासन सभा की बैठक से जनपद सदस्यों का वाकआउट।

कोटा

हरीश चौबे

जनपद सदस्यों ने कैश बुक और बिल ब्हाउचर्स देखने की बात कही ।

बैठक में उपस्थित आठ में से पांच सदस्यों ने किया वाक आउट

एलईडी लाइट खरीदी की गडबड़ी की अभी तक नहीं हो पाई है जांच।

कोटा जनपद पंचायत में आज सामान्य प्रशासन की बैठक रखी गयी थी।इस बैठक में एलईडी लाइट की खरीदी की जांच में भ्रष्टाचार स्पष्ट पाए जाने के बाद भी कार्यवाही नही होने,बिल वाउचर दिखाए जाने की मांग तथा सचिवों को अभयदान देते हुए जनप्रतिनिधियों से अभद्रता को बढ़ावा देने की बात को लेकर भारी हंगामा हुआ और कुछ सदस्य बैठक छोड़कर चले गए।

कोटा जनपद पंचायत में सोमवार को सामान्य प्रशासन की बैठक आयोजित की गई थी बैठक का एजेंडा क्या था इस बात पर चर्चा होती उसके पहले ही बैठक में मौजूद सदस्यों और अधिकारियों में विवाद शुरू हो गया । जनपद पंचायत क्षेत्र में अधिकांश पंचायतो में एलईडी लाईट खरीद की गडबडी को जांच में सही पाये जाने के बाद भी कार्यवाही नही होने को लेकर जनपद सदस्यों में काफी आक्रोश व्याप्त है।पीपरतराई पंचायत क्षेत्र की जनपद सदस्य अश्विन टोडर ने पीपरतराई पंचायत के सचिव के काम काज को लेकर शिकायत की थी कि पीपरतराई , सेमरिया, मझगांव, लमकेना, करगीखुर्द ,कुवांरी मुडा धनरास,धूमा, कुरवार, पहंदा, केंदाडाड ,केंनचरा ,रतखंडी ,कलारतराई,बरद्वार, करगीकला पंचायत में एलईडी लाईट लगाने के नाम पर लाखों रूपए का भ्रष्टाचार किया है । जनपद सदस्यों के जांच की मांग पर अधिकाशं पंचायतों में जांच में शिकायत सही पाया गया। दो से ढाई हजार के एलईडी लाईट को पंचायतो ने नौ हजार मे खरीदा है । लेकिन उच्च अधिकारियों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया ।ग्राम पंचायत तेदुवा की जनपद सदस्य राजनंदनी अलीबाबा कश्यप ने भी अपने यहां के सचिव पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और इन पर कार्यवाही करने को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे । वहीं जनपद पंचायत सीईओ नें उनकी मांग पर पंचायत की विभिन्न अनियमितताओं के बारे सरपंच ,सचिव गडबडी की जांच के लिए टीम गठित किया था।जांच रिपोर्ट में जनपद सदस्यो की अधिकांश शिकायत में सरपंच और सचिव के द्वारा आर्थिक गडबड़ी करना पाया था ।लेकिन दोषियों के खिलाफ आज तक कोई कडी कार्यवाही नहीं हुई । जिसको लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों में भारी नराजगी हैं। सामान्य सभा की बैठक रखी गई थी जिसमें आठ जनपद सदस्य मौजूद थे । बैठक की कार्यवाही शुरू होते ही कुछ जनपद सदस्यों ने कोटा जनपद के कैश बुक और बिल ब्हाउचर्स देखने की मांग कर दी।फिर माहोैल काफी गरम होते चलते गया । जनपद की सामान्य सभा में पहला प्रस्ताव ही बिना अनुमोदन के ढेर हो गया। उसके बाद दुसरे प्रस्ताव पर चर्चा होना था ,लेकिन यहीं से वाद विवाद बढ़ गया और पूरी बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई । अंदरूनी सूत्रों से जो जानकारी प्राप्त हुई उसके अनुसार जनपद सदस्यों ने जैसे ही बिल ब्हाउचर्स और कैश बुक देखने की बात कही बैठक में कैश बुक लाया गया और इसके बाद हंगामा जनपद सदस्यों के बीच और बढ़ गया ।

जनपद पंचायत सदस्यों का कहना है कि कुछ माह पहले ही अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल के निवास पर पहुंच कर शिकायत किया गया था ।एक जनपद सदस्य ने बताया की मेरी शिकायत जहाँ भी करना है और भी कर दो ऐसा भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को कहा जाता हैं जिसको लेकर भारी नाराजगी भी दिखी।

जनपद की बैठक के सभाकक्ष में जनपद पंचायत अध्यक्ष मनोहर राज , उपाध्यक्ष सुमंत जयसवाल, ज्योति भानू कश्यप शांत बैठे रहे तो वहीं अश्वनि टोडर, राजनंदनी कश्यप, विजय जयसवाल, कन्हैया गंधर्व, साधना आर्मो रिकार्ड देखने के नाम सीईओ से वाद विवाद होता रहा ।

जनपद की सभापति अश्विन टोडर का कहना था कि हमने हमेशा जनपद का सहयोग किया है ।लेकिन जनपद से उन्हें सहयोग नहीं मिल पाता जब भी किसी बात की जानकारी को लेकर सीईओ मेडम पूछा जाता हैं तो जनपद सदस्यों से उनका व्यवहार ठीक नहीं रहता ।

जनपद सदस्य कन्हैया गधर्व का कहना था – सामान्य प्रशासन की बैठक में हमने किसी भी प्रस्ताव के अनुमोदन के पहले ओरिजनल बिल ब्हाउचर्स और कैश बुक देखने की मांग की , जब भी कोई जानकारी जनपद से मांगी जाती है वहां के अधिकारियों ने सही जवाब नहीं देते और सदस्यों ऊपर ही भड़क जाते हैं ।

कोटा जनपद सीईओ संध्यारानी कुर्रे ने कहा कि -बैठक में सदस्यों ने कैश बुक और बिल ब्हाउचर्स देखने की मांग की जो उन्हें दिखाया गया बैठक के समय में से तीन घंटे इन्होंने इसमें ही लगा दिए जिसके कारण बैठक में कुछ नहीं हो पाया । जब उन्हें बिल ब्हाउचर्स और कैश बुक में कुछ नहीं मिला तो वे उठ कर चले गए ।

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