बिलासपुर
ब्यूरो – 26 दिसंबर से अनिश्चित कालीन काम बंद कलम बंद आंदोलन कर रहे ग्राम सचिवों ने सरकार के सामने अपनी मैनेज मानने के लिए 26 जनवरी तक का समय दिया है।मांगे नही माने जाने की स्थिति में मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करने जैसे कदम उठाने की बात कही है।सोशल मीडिया में जारी पंचायत परतेवा की सचिव ने यह बात एक वीडियो में कही है।

अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 26 दिसंबर से आंदोलन कर रहे पंचायत सचिवों ने शासन के सामने अपनी मांगे मानने के लिए 26 जनवरी तक का समय दिया है 26 जनवरी तक मांगे नहीं माने जाने पर मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करने की बात कही है ।सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो मैं गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर जनपद पंचायत के परतेवा ग्राम पंचायत की सचिव कंचन शर्मा ने वीडियो में कहा है कि पंचायत सचिव 26 दिसंबर से अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर काम बंद कलम बंद आंदोलन कर रहे हैं। किंतु शासन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है ।26 जनवरी तक यदि पंचायत सचिवों की मांगे नहीं मानी जाती है ,तो मैं सीएम निवास के सामने आत्मदाह करूंगी।
ज्ञातव्य है कि पूरे प्रदेश के 146 विकास खंडों में ग्राम पंचायत के सचिव 26 दिसंबर से अपने शासकीय करण की मांग को लेकर काम बंद कलम बंद आंदोलन कर रहे हैं ।शासन के द्वारा उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है और ना ही आंदोलन खत्म करने के लिए कोई प्रयास किए जा रहे हैं ।इस बीच ग्राम पंचायत में मनरेगा का काम देखने वाले रोजगार सहायक भी आंदोलन पर उतर आए हैं और सचिवों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से आंदोलन कर रहे हैं ।सचिवों और रोजगार सहायकों के आंदोलन में चले जाने से पूरे प्रदेश में पंचायत स्तर के विकास कार्य रुके हुए हैं ।साथ ही पंचायतों में मनरेगा के काम ठप पड़े हुए हैं ,जिससे मनरेगा के काम से अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले ग्रामीणों के सामने आर्थिक तंगी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब देखना है कि शासन 26 जनवरी तक हड़ताल खत्म करने के लिए कोई पहल करती है या नहीं करती है। वायरल वीडियो में कही गई बातों को शासन के प्रशासनिक अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते हैं, और सचिवों की मांग पर किस तरह की पहल करते हैं आने वाला वक्त ही बताएगा।
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