पुलिस के कारण भड़के आक्रोश में दर्ज मामले में सभी हुए दोषमुक्त !

तख़तपुर

ब्यूरो

गौ हत्या की सूचना को सामान्य घटना के रूप में लेकर गाय के मांस को सुअर का बताने पर भड़के जनाक्रोश से पुलिस के साथ हुए मारपीट के दर्ज पुराने मामले में आज व्यवहार न्यायलय तख़तपुर ने सभी छः व्यक्तियों को दोषमुक्त होनेका निर्णय दिया है।घटना 25 फरवरी 2013 को तख़तपुर के संगमनगर में घटी थी,जिसमे लापरवाही बरतने वाले तीन पुलिस वालों को भी निलंबित किया गया था।

नगर के मुख्य मार्ग में संगम नगर के खंडहरनुमा मकान में 25 फरवरी 2013 को सुबह साढ़े आठ बजे गौ हत्या कर उसका मांस बकरे के मांस के साथ बेचने की सूचना पर गौ सेवक,विश्व हिंदू परिषद के सदस्य, धर्म सेना और नगर के गणमान्य नागरिक आक्रोशित हो गए ।थाने में सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस के लापरवाही बरतने और गौ मांस को सूअर का मांस बताने से लोगो ने जांच के लिए आये एस आई उदयलाल पटेल के साथ मारपीट कर दिया।इससे माहौल और बिगड़ गया।चार दिन तक जिले के लगभग सभी नगरों में पुलिस कार्यवाही के विरोध में प्रदर्शन किया गया।इधर पुलिस वालों के साथ मारपीट किये जाने के कारण ओंकार क्षत्री, दिलीप तोलानी ,आनद दीक्षित, धनंजय सिंह ,कोमल सिंह और दिनेश पांडेय के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया।इनमे से ओंकार सिंह को गिरफ्तार भी कर लिया गया।इसके कारण आमजनता और जनप्रतिनिधियों ने पुलिस वालों के विरुद्ध चक्काजाम ,नगर बन्द जैसे आंदोलन करने शुरू कर दिये और मामले को वापस लेने का दवाव बनाया जाने लगा।आज सात साल की सुनवाई के बाद पुलिस के द्वारा अलग-अलग बयान देने और पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नही कर पाने के कारण सभी छः आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया।

25 फरवरी 2013 की घटना में नामित आरोपियों ओंकार क्षत्री, दिलीप तोलानी, आनंद दीक्षित,धनन्जय सिंह, कोमल सिंह और दिनेश पांडेय को दोष मुक्त किये जाने से नगर के सभी लोगो मे खुशी की लहर थी।इस अवसर पर दोषमुक्त किये गए सभी व्यक्तियों ने लोगो का आभार व्यक्त करते हुए तख़तपुर बार एसोसिएशन के वकीलों का हार्दिक आभार प्रदर्शित किया,जहाँ के अधिवक्ताओं ने बिना फीस लिए इस केस की पैरवी की।

क्या था पूरा मामला

नगर के संगम नगर मुख्य मार्ग में एच एस पब्लिक स्कूल के पास एक खंडहर नुमा मकान था जिसमे शांतिबाई नामक महिला कई वर्षों से रहती थी।25 फरवरी को सुबह नगर पंचायत एल्डरमेन हनी पांडेय को उस घर मे गाय काटे जाने की खबर मिली।इसकी सूचना तत्कालीन थाना प्रभारी संजय डे को दी, जिन्होंने बेलपान मेले में होने का हवाला दे दिया।थाने में सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस घटना स्थल पर नही पहुंची।इस बीच नगर में यह खबर आग की तरह फैल गयी और लोगो के अंदर का गुस्सा बाहर आने लगा ।इस बीच धर्म सेना, विश्व हिंदू परिषद, गौ सेवा , बजरंग दल, एबीवीपी के कार्यकर्ता घटना स्थल पर पहुंच कर मकान को घेर लिया।माहौल बिगड़ते देख शांति बाई ने थाने पहुंचकर सूचना दी। शांति बाई की सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और विरोध कर रहे लोगो को धमकाना शुरू कर दिया ।जांच करने आये एसआई उदयलाल पटेल और प्रधान आरक्षक शिरिस पाल घटना स्थल पर पड़े हुए गौ मांस को सुअर का मांस बताने लगे। पुलिस वालों के रहते हुए भी आरोपी शाऊल मसीह उर्फ अभषेक मसीह पिता सुनील दयाल मसीह उम्र 20 वर्ष और रोबिन लाल पिता मूसा लाल 27 वर्ष भाग निकले इससे लोगो का गुस्सा और भड़क गया और एस आई उदय लाल पटेल की पिटाई कर दी।प्रधान आरक्षक और प्रबुद्ध नागरिकों के बीचबचाव के बाद एस आई को भीड़ के बीच से निकाल कर थाने लाया गया।इसके बाद नगरबन्द और चक्का जाम चार दिनों तक होता रहा।इस बीच पुलिस ने गाय काटने वालो को गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया और एस आई उदय लाल के साथ मारपीट करने के आरोप में छः लोगो के विरुद्ध अपराध दर्ज कर लिया गया।जिसमें आज फैसला सुनाया गया।

तीन पुलिस वाले किये गए थे निलंबित

गौ हत्या की सूचना को सामान्य घटना के रूप में लेने और घटना स्थल पर गैर जिम्मेदाराना कार्य विधि के कारण जनता में आक्रोश भड़कने के बाद पुलिस के विरुद्ध नगर बंद और चक्का जाम का दौर शुरू हो गया।इसमे तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने बाद में थाना प्रभारी संजय डे , एस आई उदयलाल पटेल और प्रधान आरक्षक शिरीष पाल को निलबिंत कर दिया गया था।

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