निगारबन्द की पूर्वनिर्वाचित सरपंच को मिला स्थगन आदेश, नई ने किया शपथ ग्रहण।

तख़तपुर

ब्यूरो

निगारबन्द ग्राम पंचायत में सरपंच पद को लेकर चल रहे चुनावी रस्सा कस्सी के बीच पूर्व निर्वाचित सरपंच ईश्वरी सुरेंद्र कश्यप को हाइकोर्ट से स्थगन आदेश मिल गया है।इसके बाद आगामी आदेश तक निगारबन्द के सरपंच का दायित्व ईश्वरी के हाथों में ही रहेगा।इधर अम्बालिका ने भी अपने पक्ष में आये पुनर्गणना के परिणाम के बाद सोमवार को शपथ ग्रहण कर लिया।लेकिन जब तक इस मुद्दे पर हाइकोर्ट का स्पष्ट निर्णय नही आ जाता,अम्बालिका को सरपंची के लिए इंतजार करना पड़ेगा ।वही ईश्वरी की ओर से हाइकोर्ट में एक अन्य याचिका भी लगाई गई है,जिसमे उनके वैध मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करने वालो के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए आदेश की माँग की गई है।

निगारबन्द ग्राम पंचायत के सरपंच पद को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच पूर्व निर्वाचित सरपंच ईश्वरी सुरेंद्र कश्यप को पुनर्गणना के विरुद्ध आगामी आदेश तक स्थगन मिल गया है ।इसके बाद जब तक हाइकोर्ट से कोई स्पष्ट निर्णय नही आ जाता है, ईश्वरी कश्यप ही सरपंच का कार्यभार निर्वहन करेंगी।वही पुनर्गणना के बाद विजयी घोषित की गई अम्बालिका ने सोमवार को शपथ ग्रहण तो कर लिया मगर सरपंची करने के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी ,जो हाइकोर्ट की सुनवाई और निर्णय पर निर्भर करेगा।ज्ञातव्य है कि 3 फरवरी 2020 को हुए पंचायत चुनाव और कि गयी मतगणना के अनुसार सरपंच पद के लिए ईश्वरी सुरेंद्र कश्यप ने 20 वोट से जीत हासिल की थी।लेकिन अम्बालिका कश्यप की ओर से एसडीएम कार्यालय में चुनावी याचिका लगाई गई थी,जिसके लिए 11 नवंबर को पुनर्गणना कराया गया ।पुनर्गणना में अम्बालिका कश्यप ने ईश्वरी को 62 मतों से पराजित कर दिया।इस परिणाम से असंतुष्ट और क्षुब्ध ईश्वरी ने पुनर्गणना को अवैध और स्वयम के वैध मतपत्रों में छेड़छाड़ किये जाने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव और मिर्ज़ा हफीज बेग के माध्यम से हाइकोर्ट में दो याचिकाएं लगाई है।जिसमे से एक में पुनर्गणना के परिणाम के विरुद्ध स्टे और दूसरे में दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाने के आदेश की माग की गई है।पहली याचिका में हाइकोर्ट ने ईश्वरी को स्टे दे दिया है।जबकि दूसरी याचिका में सुनवाई जारी है।

यह है मामला और सारा गणित

3 फरवरी 2020 को सम्पन्न हुए चुनाव में मतदान केंद्र क्रमांक 70 में पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रत्याशियों को दिये गए मतगणना पर्ची के अनुसार-

डाले गए कुल मत 585
विधि मान्य मतों की संख्या 555

खारिज मतों की संख्या 30 थी

इनमे से
ईश्वरी कश्यप को 197 मत मिले थे
जबकि अम्बालिका कश्यप को 161 मत प्राप्त हुए थे।

वही मतदान केंद्र क्रमांक 69 में पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रत्याशियों को दिये मतगणना पर्ची के अनुसार

कुल 549 मत डाले गए थे ।

इसमे से 532 विधिमान्य थे

और 17 खारिज किये गए थे।

ईश्वरी कश्यप को इस बूथ में 167 और अम्बालिका कश्यप को 183 मत प्राप्त हुए थे।

दोनो बूथों को मिलाकर कुल 1134 मत डाले गए थे जिसमें से 47 मत खारिज हुए थे। ईश्वरी कश्यप को 364 मत और अम्बालिका कश्यप को 344 मत प्राप्त हुए थे।
इस तरह ईश्वरी कश्यप को 20 मतों से विजयी होने का निर्वाचन प्रमाण पत्र भी अधिकारियों द्वारा जारी किया गया था।
लेकिन पुनर्गणना में आश्चर्यजनक परिवर्तन होते हुए ईश्वरी कश्यप के मतों में लगभग 74 मत खारिज हो गए।जबकि वही अम्बालिका कश्यप के पक्ष में 8 मतों की बढ़ोतरी हो गयी।पुनर्गणना में ईश्वरी कश्यप को 290 वैध मत प्रप्त हुए जबकि अम्बालिका को 352 मत प्राप्त हो गए।इस तरह ईश्वरी कश्यप को 62 मतों से हारने के परिणाम सुनाया गया।
इस परिणाम को लेकर जहाँ ईश्वरी कश्यप के समर्थकों ने मतपत्रों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।वही आम लोगों और जनपद में इस बात की चर्चा है कि आखिर इतना अन्तर कैसे आ सकता है?ईश्वरी कश्यप के समर्थकों ने इस परिणाम और हुए घपले के विरुद्ध अलग अलग कार्यालायो में आपत्ति दर्ज कराने के साथ उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की है,जहाँ से

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तख़तपुर हिमांशु गुप्ता का कहना है कि


पुनर्गणना के विरुद्ध स्टे मिलने की जानकारी मिली है।अभी लिखित आदेश प्राप्त नही हुआ है।यदि स्टे मिल गया है तो ईश्वरी ही सरपंच रहेंगी।जहाँ तक मतपत्रों में गड़बड़ी के आरोप की बात है, तो उसकी जांच करा रहे हैं।जांच उपरांत गड़बड़ी पाए जाने पर एफआईआर भी कराया जाएगा।

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