पथरिया
रवि मालवीय

पंचायती राज अधिनियम में भले ही ग्राम पंचायतों को वित्त और प्रशासन के मामले में अधिकार संपन्न करने की बात कही गई है लेकिन वास्तव में पंचायत के सरपंच उधार के भरोसे चल रहे हैं और दुकानदारों के तगादे सहने मजबूर है क्योंकि पंचायतों के खातों में 15 वे वित्त की लाखों की रकम तो मौजूद है पर आहरण की अनुमति नहीं है। मामला क्षेत्र के 96 पंचायतों का है जहां सरपंच या तो अपने घर के पैसे से पंचायत चला रहे हैं या उधार से जो सरपंच गरीब परिवार से हैं उनके लिए स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता के साथ करोना से लड़ाई के लिए खर्च करना मुश्किल हो चला है। इस तरह क्षेत्र के सभी 150 गांव वित्तीय संकट से जूझ रहे जबकि राशि खाते में हैं। ज्ञात हो कि पंचायतों को गांव में मूलभूत और विकास के कार्य कराने के लिए वित्त आयोग राशि जारी कराता है जो सीधे पंचायत के खाते में जमा होता जिसे पंचायत ग्राम पंचायत के अनुमोदन से ग्रामीणों को सुविधाएं देने और विकास कार्य के लिए खर्च करते हैं अभी तक 14वें वित्त की राशि से गांव में जल, सड़क,प्रकाश,व्यवस्था जैसे मूलभूत कार्य कराए जाते रहे हैं। इस वर्ष 2 माह पूर्व 15 वे वित्त की प्रथम किस्त की राशि मिला है। करोना काल में जहां पंचायतों को गांव में कई अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं जिससे कॉविड 19 से गांव को सुरक्षित रखा जा सके इस समय सरपंचो के हाथ खाली होने से गांवो में जनकल्याण के कार्य प्रभावित होने लगे हैं।
प्रवासी मजदूरो पर खर्च राशि भी नहीं मिली
विकासखंड के 96 पंचायतों में सैकड़ों क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए थे जहां प्रवासी मजदूरों को 15_15 दिनों तक आवासीय सुविधाएं देकर रखा गया था इसके लिए पंचायतों को निर्देशित किया गया था कि क्वारंटाइन सेंटरों के संचालन में जो खर्च होगा उसे पंचायतों को भुगतान कर दिया जाएगा लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी पंचायतों को खर्च की गई राशि नहीं मिली है अब सरपंच अपने खर्च की राशि के लिए जनपद से जिला पंचायत तक चक्कर काट रहे हैं। वहीं दुकानदार सरपंचों से पैसा लेने लगातार तगादा कस रहे हैं।
गांव मैं विकास कार्य ठप
ग्रामीण क्षेत्रों में कोई लॉकडाउन नहीं है फिर भी वहां ग्रामीण विकास के कई कार्य ठप्प पड़े हैं क्योंकि वित्त आयोग की राशि के आहरण पर रोक है वही लाखों रुपए क्वारंटाइन सेंटरों पर पहले से ही खर्च हो चुके हैं। राजनीतिक सम्मान प्राप्त करने चुनाव जीतकर सरपंच बने कई युवा सरपंच अब कर्जदार बनकर अपमानित हो रहे हैं ऐसे में पंचायती राज अधिनियम की मूल भावनाएं अहित होने लगे है। बहरहाल राशि आहरण पर रोक है और सरपंच कर्ज लेकर पंचायत चला रहे हैं।
ज्योति रिंकू सिंह जनपद अध्यक्ष पथरिया
जनपद क्षेत्र के पंचायतों में विकास कार्य सुचारु रुप से चलें इसके लिए 15 वे वित्त की राशि आहरण पर रोक हटाई जानी चाहिए।
नूपुर राशि पन्ना जिला पंचायत सीईओ मुंगेली
15 वे वित्त की राशि आहरण पर रोक राज्य स्तर से है वही क्वारंटाइन सेंटरों पर खर्च की गई राशि का मांग पत्र भेजा जा चुका है।