लोरमी
महेश कश्यप – मुंगेली जिले के सेमरसल गाँव मे शराब कोचियों और पीने वालो के विरुद्ध गाँव की महिला स्व सहायता समूहों ने मोर्चा खोल दिया है। समूहों की बनाई टीम रोज गाँव मे जागरूकता रैली निकालती है।शराब कोचियों के विरुद्ध कार्यवाही करती है और शराबियों को भी सबक सीखाती है।यद्यपि उन्हें जान से के की धमकियां ई मिल रही है।

प्रदेश में सरकार शराब बंदी कब करती है इसका तो पता नही।मगर ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओं ने शराब के दुष्प्रभावों से बचने और अपनी गृहस्थी बचाने के लिए शराब बेचने और पीने वालों के विरुद्ध अभियान छेड़ दिया है।मुंगेली जिले के सेमरसल गाँव मे महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गाँव मे शराब बेचने वालों और पीने वालों के खिलाफ अपना अभियान शुरू कर दिया है। गाँव मे महिलाओ की सात टीम बनाकर सतत निगरानी की जा रही है ।सामूहिक रूप से गाँव मे जागरूकता रैली निकाली जाती है।शराब बेचने वालों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया जाता है।इस दौरान उन्हें कोचियों की ओर से लगातार जान से मारने की धमकी दी जाती है।तो शराबियों को समझाने में भी खूब माथा पच्ची करनी पड़ती है।वही उन्होंने आरोप लगाया है कि जब वे गाँव मे शराब बेचने वालों को पकड़कर पुलिस के हवाले करती है तो पुलिस वाले सेटिंग कर या तो छोड़ देते हैं या मामूली धाराओं में ही कार्यवाही की जाती है।इससे कोचियों के हौसले बुलंद होते जा रहे है।महिलाओ ने राज्य सरकार पर भी वादा खिलाफी का आरोप लगाया है।उनका कहना है कि कांग्रेस ने सरकार बनने के बाद प्रदेश में शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी ।लेकिन सरकार बनते ही उससे मुकर गई।फिलहाल स्व सहायता समूह की महिलाएं अपनी गृहस्थी और गाँव को नशे के कारण बर्बादी से बचाने के लिये जोखिम उठाकर भी काम कर रही हैं।