लोरमी

महेश कश्यप- लोरमी जनपद क्षेत्र का ग्राम पंचायत मोहतरा कुर्मी जहाँ विकास ने अपने पैर कीचड़ में गड़ा रखा है।यही कारण है कि लोगों को कीचड़ और पानी से भरे रास्ते मे चलने को मजबूर होना पड़ रहा है।वही गाँव के लोग जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से गुहार लगाकर थक गए तो कीचड़ में चलना भाग्य समझकर समझौता कर लिया ।

लोरमी जनपद क्षेत्र के मोहतरा गाँव मे लोग अपना जीवन कीचड़ भरे रास्ते से गुजरकर बिताने को मजबूर है।इसका कारण जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपेक्षा है।गाँव में ऐसी कोई भी गली या सड़क नही है जिसमे कीचड़ और पानी न हो ।लोग इन्ही रास्तो से गुजर कर नित्यंप्रति के काम काज करते है।क्या बूढ़े के बच्चे या नौजवान सभी गाँव की गलियों में बिछी कीचड़ के कालीन से होते हुए गुजरते है।कुछ गालियां तो ऐसी है कि उसमें से मोटरसायकिल से भी गुजरना बहादुरी भरा काम होगा।ऐसा नही कि गाँव वालो से कीचड़ भरे रास्तो का मोह नही छूट रहा।वे ग्राम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इससे मुक्ति दिलाने की गुहार लगाते थक गए है।अब उन्होंने इसे इपनी नियति मान कर समझौता कर लिया है।कही कभी कोई पूछ लें तो उदास मन से सारा संघर्ष बयान कर देते है।एक पंचवर्षीय गुजर गया अब दूसरे का भी आधा वर्ष गुजरने को है मगर गाँव में कीचड़ और उसके बीच बहते पानी की व्यवस्थित निकासी का कोई प्रवधान नही हुआ।अब उनकी उम्मीद इस बात पर है कि गाँव मे कोई बड़ा अधिकारी या नेता आये तो समस्या दूर हो क्योंकि जब बड़े अधिकारी या नेता आते हैं तो उन्हें सब कुछ साफ सुथरा और व्यवस्थित दिखाने के लिए सारी व्यवस्था कर दी जाती है।गाँव वालों की इस समस्याको दूर करने में बाधक कारणों की जानकारी के लिए सरपंच को फ़ोन लगाया गया मगर उसका फ़ोन लगातार कवरेज क्षेत्र से बाहर बताता रहा
