कोटा
ब्यूरो-लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अब झूठे आरोपों से डराने की कोशिश की जा रही है। अपनी गलतियां छुपाने लोगों द्वारा पत्रकारों पर वसूली का आरोप लगाना आम बात हो गयी हैं। ऐसा ही एक मामला कोटा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोबरीपाठ से सामने आया है ,जहां मनरेगा के काम में किए जा रहे भ्रष्टाचार की कवरेज करने गए पत्रकार के विरुद्ध वसूली का झूठा आरोप लगाया गया है। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक के द्वारा लगाए गए आरोपों के विरुद्ध पत्रकार ने भी थाने में लिखित शिकायत दे दी है।
भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले पत्रकारों के विरुद्ध अब भ्रष्टाचारी नए पैंतरे के साथ सामने आने लगे हैं ।वे अपनी गलतियां छुपाने के लिए पत्रकारों पर जबरन वसूली का आरोप लगाने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत गोबरीपाट से सामने आया है जहां मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्य में भ्रष्टाचार की कवरेज करने गए पत्रकार पर ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक ने वसूली का आरोप लगाया है। पत्रकार ने भी रोजगार सहायक के विरुद्ध झूठा आरोप लगाने की शिकायत थाने में दर्ज करा दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत गोबरीपाठ के बंजारी तालाब में मनरेगा के तहत गहरीकरण का काम किया जा रहा है। यहां से निकलने वाले मुरूम को सरपंच,सचिव और रोजगार सहायक के द्वारा बेचा जा रहा है।साथ ही रोजगार सहायक के द्वारा मस्टररोल में न तो प्रतिदिन हाजिरी भरी जा रही है और न ही माप पुस्तिका में माप इंद्राज किए जा रहे हैं ।इसकी शिकायत मिलने पर पत्रकार संजय बंजारे जो उसी ग्राम पंचायत के ही रहने वाले हैं कवरेज करने के लिए गए हुए थे। इस दौरान उन्हें गहरीकरण किए जा रहे तालाब में ट्रैक्टर में रूम डालते मजदूर मिले वहां पर मजदूरों और रोजगार सहायक मंजू भार्गव का बाइट लिया, जिसमें मंजू भार्गव ने स्वयं ही स्वीकार किया है कि मस्टररोल में प्रतिदिन हाजिरी नहीं डाली जा रही है और माप पुस्तिका में भी इंद्राज नहीं किया जा रहा है। साथ ही उसने बताया कि उसे नहीं पता कि किसकी अनुमति से मुरूम की बिक्री की जा रही है। बाइट में मंजू भार्गव ने अपनी गलती को ही स्वीकार किया है। लेकिन रोजगार सहायक मंजू भार्गव ने इसके बाद भी पत्रकार संजय बंजारे के ऊपर वसूली का आरोप लगाते हुए थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जब पत्रकार को इस बात की जानकारी हुई तो उसने भी सीधे कोटा थाने में जाकर इस बात की लिखित शिकायत दर्ज कराई है कि रोजगार सहायक मंजू भार्गव के द्वारा उसके ऊपर झूठा आरोप लगाया जा रहा है, और यह सब अपनी गलतियों और भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए किया जा रहा है।