राशन का गबन करने वाले पति-पत्नी और माँ-बेटे भेजे गए जेल!

तखतपुर

ब्यूरो – शासकीय उचित मूल्य दुकान के राशन का गबन करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ग्राम पंचायत मोछ और ग्राम पंचायत गुनसरी के शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालक स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षों और विक्रेताओं को शासकीय पीडीएस का राशन गबन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है ।2 दिन पूर्व खाद्य निरीक्षक मनोज बघेल ने दोनों संस्थाओं के संचालकों और विक्रेताओं के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराया था।

ग्राम पंचायत मोछ और ग्राम पंचायत गुनसरी शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालक स्वयं सहायता समूह अध्यक्षों और उनके विक्रेता को पीडीएस राशन की अफरा-तफरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तखतपुर पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार खाद्य निरीक्षक मनोज बघेल ने दो दिन पूर्व अलग-अलग एफ आई आर दर्ज कराते हुए ग्राम पंचायत मोछ और गुनसरी के शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालकों और विक्रेताओं के द्वारा राशन की हेरा फेरी किए जाने का आरोप लगाया था ।मनोज बघेल ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया कि ग्राम पंचायत मोछ के शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन संगी सहेली स्वयं सहायता समूह के द्वारा किया जा रहा था इसकी अध्यक्ष उषा कश्यप पति रामबगस कश्यप और विक्रेता रामबगस कश्यप हैं जिनके द्वारा पीडीएस के चावल 311.06 क्विंटल, नमक 4.73 क्विंटल और मिट्टी तेल 1 लीटर जिसकी कुल कीमत 8,57,644 रुपये है का छल पूर्वक गबन किया गया है।इसी तरह ग्राम पंचायत गुनसरी के शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन सफूरा माता स्वयं सहायता समूह के द्वारा संचालित किया जा रहा था जिसकी अध्यक्ष कांति बाई भंडारी पति तोप सिंह और विक्रेता गुलजीत सिंह भंडारी पिता तोप सिंह हैं। इनके द्वारा पीडीएस के 201 क्विंटल चावल, 2.68 क्विंटल शक्कर और 2.81 क्विंटल नमक का गबन किया गया है, जिसका शासकीय मूल्य 5,37,433 रुपये है, का छल पूर्वक गबन कर लिया है।खाद्य निरीक्षक मनोज बघेल की रिपोर्ट पर तखतपुर पुलिस ने ग्राम पंचायत मोछ से संगी सहेली स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष उषा बाई कश्यप पति रामबगस कश्यप उम्र45 वर्ष और विक्रेता रामबगस कश्यप पिता सुरजमन उम्र 48 वर्ष को तथा गुनसरी से सफुरा माता स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष कांति बाई भंडारी पति तोप सिंह उम्र 40 वर्ष और विक्रेता गुरजीत सिंह भंडारी पिता तोप सिंह उम्र 26 वर्ष को आईपीसी की धारा 420,406,34,और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3,7 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया,जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

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