चॉइस सेंटर की चालाकी ,भूमिहीनों को भी मिला पीएम किसान सम्मान का पैसा!

बिलासपुर

ब्यूरो– अधिकारियोंं की मिलीभगत और चॉइस सेंटर की चालाकी से जांजगीर-चांपा जिले में ऐसे व्यक्तियों के खाते में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की राशि जमा हो गई है ,जिनके पास जमीन ही नहीं है ।इस धांधली में सारा खेल पंजीयन करने वाले चॉइस सेंटर द्वारा किया गया है ।लेकिन इसमें जिला स्तर पर अनुमोदन करने वाले जिला कलेक्टर चॉइस सेंटर की मिलीभगत को भी नहीं नकारा जा सकता है। कलेक्टर जेपी पाठक के निर्देश पर जांजगीर तहसीलदार द्वारा इस धांधली की जांच की जा रही है ।

पीएम किसान सम्मान निधि के लिए जांजगीर के दीप कंप्यूटर व चॉइस सेंटर द्वारा पैसे लेकर भूमिहीन व्यक्तियों के भी पंजीयन कर दिया गया था। इसके कारण उन व्यक्तियों के खातों में भी किसान सम्मान निधि की राशि आ गई है। इसकी शिकायत शिवसेना के जिला अध्यक्ष ओंकार सिंह गहलोत द्वारा किए जाने पर कलेक्टर जेपी पाठक ने तहसीलदार चंद्र प्रकाश साहू को जांच का जिम्मा सौंपा है ।फिलहाल कंप्यूटर चॉइस सेंटर की आईडी को कब्जे में ले लिया गया है ,और संबंधित व्यक्तियों के बयान दिए जा रहे हैं अभी तक कंप्यूटर सेंटर संचालक सुनील साहू के विरुद्ध अभी कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए भूमि स्वामी कृषकों का ही पंजीयन हो सकता है। इसके लिए किसानों के पंजीयन के समय खातेदार का नाम आधार कार्ड की कॉपी भू अधिकार ऋण पुस्तिका की कॉपी और अकाउंट नंबर अनिवार्य रूप से लिया जाता है। इसके बाद कलेक्टर चॉइस सेंटर के द्वारा उसका अनुमोदन किया जाता है। अब प्रश्न यह उठता है कि कंप्यूटर चॉइस सेंटर द्वारा पंजीकृत अपात्र किसानों का अनुमोदन कैसे हो गया ?और उनके खातों में राशि कैसे आ गई ?किसी किसी व्यक्ति के खाते में तो किसान सम्मान निधि के चार किस्त भी आ गए हैं ।बिना जिला कलेक्टर चॉइस सेंटर की मिलीभगत के यह कार्य संभव नहीं है। इसलिए जांच के दायरे में जिला कलेक्टर चॉइस सेंटर को भी लाया जा रहा है।

लाभ प्राप्त व्यक्तियों ने बताया है कि चॉइस सेंटर के द्वारा उन्हें बताया गया था कि उनका पंजीयन किसान सम्मान निधि के लिए हो सकता है।इस बात को बाकायदा सोशल साइट के माध्यम से प्रचार भी किया गया था।किसानों से पंजीयन के लिए पैसे लिए गए थे। पैसे देने के बाद उनका पंजीयन हो गया था और खाते में चार किश्त आ भी गए हैं। किसानों ने बताया कि इसके लिए उन्होंने चॉइस सेंटर संचालक को 4-4 हजार रुपए दिए हैं।

इस विषय में तहसीलदार प्रकाश चंद साहू का कहना है कि बिरगहनी के चॉइस सेंटर में अपात्र किसानों को भी पीएम किसान सम्मान केलिए पात्रबनाने की शिकायत मिली थी। जांच की गई है। जांच में पाया गया है कि भूमिहिन किसानों के नाम भी दर्ज किए गए है। उनके नाम पर चार किस्त भी आ गई है। किसानों का बयान लिया गया है। उनहोंने पैसा देकर नाम एंट्री कराने की बात स्वीकार ली है। अभी आईडी की जांच एनआईसी द्वारा कराई जाएगी। संबंधितों के खिलाफ अपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा।

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