बिजली विभाग की लापरवाही,दुधारू भैंस की गई जान

तखतपुर

ब्यूरो

तखतपुर-बिजली विभाग की लापरवाही के चलते पुराने हो चुके बिजली के तार लोगो के लिए जान लेवा साबित हो रहे है।इसे बदलने के लिए विभाग को कई बार कहने के बाद भी आज तक स्थिति जस की तस है।इसी लापरवाही के चलते आज एक किसान की दूधारू भैंस की टूटकर गिरे बिजली तार की चपेट में आने से मौत हो गयी।इससे किसान को 35000 के लगभग नुकसान हो गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तखतपुर से लगे ग्राम पंचायत निगारबन्द में राइस मिल के पास लगे ट्रांसफार्मर के पास तार बहुत पुराने होने की वजह से जर्जर हो गए है और टूटकर गिरते रहते है।इससे लोगो को जान माल का खतरा बना रहता है।आज सुबह निगारबन्द के रहने वाले दिरगन यादव भैस को चराने ले गया था इस दौरान उसकी एक भैंस चरते चरते टूटकर गिरे बिजली तार की चपेट में आ गयी और वही पर उसकी मौत हो गयी।इसकी सूचना बिजली विभाग के अफसरों को दी गयी जन्होने आकर टूटे तार को सुधार दिया। लेकिन बिजली विभाग के जर्जर हो चुके तारो की वजह से एक गरीब किसान की भैंस अकाल मृत्यु के मुह में समा गई जिसकी बाज़ार कीमत कम से कम 35 से 40 हजार के आस पास रही होगी।इससे दिरगन को आर्थिक नुकसान हो गया।इसका दूसरा पहलू यह भी है कि इस दुर्घटना में दिरगंन की भी जान जा सकती थी ।

पहले भी हो चुकी है लापरवाही नही सीखे सबक!

निगारबन्द में आज की घटना कोई पहली घटना नही है।इसके पूर्व भी टूटे तारों के कारण कई जानवरो की जान चली गयी है।कुछ दिन पूर्व इसी जगह पर एक गौ माता की तार से चिपक कर मौत हो गयी थी तब भी बिजली विभाग के अफसरों को तार बदलने के लिए कहा गया था।लेकिन गांव वालों की बातों को अनसुनी कर दिया गया।आज यह घटना की पुनरावृत्ति है।इसके बाद भी बिजली विभाग के अफसर सबक लेंगे इसकी उम्मीद कम ही है।

मुआवजे का हैं प्रावधान मगर मिलता नही

यदि बिजली से चिपक कर किसी मौत हो जाये या किए प्रकार का आर्थिक नुकसान हो जाये तो,उसके लिए मुआवजे का प्रावधान है।लेकिन जानकारी के अभाव और बिजली विभाग की उदासीनता के चलते लोगो को मुआवजा नही मिल पा रहा है।लगभग चार महीने पहले निगारबन्द में ही नहर के पास गोपी साहू की भैंस की बिजली तार के चपेट में आने से मौत हो गयी थी। उसकी भी बाज़ार कीमत लगभग 40 हजार रही होगी मगर गोपी को आज तक मुआवजे की राशि नही मिली है।

इस विषय मे सहायक अभियंता शेखर सोनी ने बताया

पुलिस विभाग में सूचना देने के बाद पंचनामा, पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट और फ़ोटो के साथ आवेदन करने पर मुआवजा मिल जाता है।इसके लिए आवेदन करने पर यहां से उच्च कार्यालय भेज जाता है और वहां से स्वीकृत होकर आता है। कब तक और कितना यह नही बता यह तो उच्चाधिकारी ही बता पाएंगे।

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