मुंगेली
नीलकमल
मुंगेली- मुंगेली जिला एवं सत्र न्यायालय में पहली बार किसी मुकदमे में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के द्वारा आरोपी की पहचान और गवाही कराई गई।न्यायाधीश ने यह कार्यवाही नाबालिक को भगाकर ले जाने और अनाचार करने के मामले में की है।
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मुंगेली जिला एवं सत्र न्यायालय में पहली बार किसी मामले में गवाही प्रक्रिया संपन्न करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का प्रयोग किया गया। जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रहे विशेष प्रकरण शासन विरुद्ध तरुण उर्फ रितेश मामले में आरोपी बिलासपुर जेल में हैं, परंतु आज दिनांक 03.03.2020 को मामले में प्रार्थी की गवाही होनी थी, परंतु आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय से आग्रह करते हुए कहा कि आरोपी की अनुपस्थिति में उनके द्वारा गवाही नही की जाएगी। जिस पर जिला एवं सत्र न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश श्रीमती कांता मार्टिन के द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर जेल प्रशासन से संपर्क करते हुए वहाँ इस मामले में जेल में कैद आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुंगेली जिला एवं सत्र न्यायालय में उपस्थित प्रार्थी से पहचान कार्यवाही कराकर गवाही प्रारंभ की गई.।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सम्पन्न किये गए इस गवाही प्रक्रिया को न्यायालयीन कार्यवाही को जल्द सम्पन्न करने में एक अहम भूमिका मानी जा रही हैं। उक्त मामले में शासन की ओर से लोक अभियोजक मनीष चौबे ने पैरवी की।
उक्त प्रकरण में आईपीसी की धारा 363, 366, 376 तथा पास्को अधिनियम की धारा 04 तथा अनु0जाति एवं जनजाति अत्याचार निवा0अधि0 की धारा 3 (2)(v) के तहत सुनवाई चल रही हैं।
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