तख़तपुर
ब्यूरो –
आदमी के लालच की सीमा क्या है? कोई नही बता सकता।अवैध रेत उत्खनन से पैसे कमाने के लालच में मरे हुए लोगों के कब्र को भी नही छोड़ा जा रहा है।ग्राम पंचायत जुनापारा में भी ऐसा ही मामला सामने आया है।जिसमे फुलवारी नदी में रेत की खुदाई करते करते नदी किनारे श्मशान तक पहुच गए और कब्र को भी खोद डाला। इससे कब्र में दफन शव के कंकाल बाहर आ गए हैं,और बिखरे हुए है।ग्रामीणों का कहना है कि यह अवैध रेत उत्खनन ग्राम पंचायत की सरपंच का बेटा ही करा रहा है।

ग्राम पंचायत जुनापारा के आश्रित ग्राम कठमुड़ा में फुलवारी नदी में अवैध रेत उत्खनन करने वालों ने श्मशान तक को नही छोड़ा। रेत की खुदाई करते करते नदी किनारे बनाये गए श्मशान तक पहुंच गए और कब्र को ही खोद डाला ।इससे वहां दफन शव की हड्डियां बाहर आ गयी और आस पास बिखर गए है।गाँव के लोगो का कहना है कि सरपंच का लड़का ही गाँव मे रेत उत्खनन करा रहा है।वहाँ मौके पर कई ट्रेक्टर रेत डंप करके भी रखा हुआ है।किसी के द्वारा अपने निजी उपयोग के लिए भी नदी से रेत निकाला जाता है तो उसे निकालने नही दिया जाता है।दुखद संयोगवश जिस शव की अस्थियां खुदाई के कारण कब्र से बाहर आ गयी है ।उनके यहां किसी बच्चे की भी मौत हो गयी है,जिसे दफनाने के लिए वे आदिवासी श्मशान में आये तो अपने परिजनों के कब्र की दुर्दशा को देखकर दुखी हुए।प्रशासनिक कार्यवाही की जानकारी नही होने और मार्गदर्शन नही मिलने के कारण परिजन इस बात की जानकारी शासन को नही दे पाए हैं ।

लेकिन सरपंच प्रतिनिधि को इसकी जानकारी होने के बाद भी सारी जवाबदारी परिजनों को सूचना देकर उनके ऊपर हो छोड़ दिया गया है।डेढ़ वर्ष पूर्व कब्र में शव के साथ दफन किये गए कपड़े अभी भी कब्र को मज़बूती से पकड़े हुए है किंतु नीचे की मिट्टी और रेत की खुदाई हो जाने से शव की हड्डिया बाहर आ गयी है।और आज भी वही पड़ा हुआ है।न तो सरपंच और जन प्रतिनिधियों ने कोई मानवता दिखाई और न ही गाँव वालो ने सहयोग किया है।वही जिनके परिजन की कब्र खोदी गयी है वे भी प्रशासन तक इसकी शिकायत लेकर नही गये है।कब्र से बाहर निकली हड्डियां आज भी इंसानियत को शर्मशार करती और मानवीय लालच की पराकाष्ठा की गवाही देती वही पड़ी हुई है ।

युवा कांग्रेस कार्यकर्ता रामेश्वरपुरी गोस्वामी का कहना है कि
यहाँ सरपंच पुत्र के द्वारा मनमानी की जा रही है।मनरेगा में भ्रष्टाचार के साथ मनरेगा मजदूरों से ही रेत उत्खनन कराया गया था।इस बात और अवैध रेत उत्खनन की शिकायत छः माह पहले ही कर चुका हूँ ।लेकिन प्रशासन का अभयदान मिलने और जनपद कार्यलय के जाँच अधिकारियों द्वारा लीपापोती के कारण कोई कार्यवाही नही हुई क्योंकि यहाँ कार्यवाही नही होने के कारण उच्च कार्यालय शिकायत किया था जहाँ से कारण बताओ नोटिस जारी हुआ था,जिसका आज तक कोईजवाब प्रस्तुत नही किया गया है ।इसी का नतीजा है कि आज श्मशान को भी नही छोड़े और आदिवासियों की कब्र खोद डाली है।हड्डियाँ इधर उधर बिखरी पड़ी है।
कब्र में दफन मृतका के बेटे मान सिंह ने बताया कि

मेरे परिजन के शव यहां दफन थे ।लेकिन रेत के अवैध उत्खनन से अब हड्डियाँ बाहर आ गयी है।गाँव केलोगों से सलाह लेने पर देखने के बाद ही कुछ कहने की बात कही गयी है।कम पढ़े लिखे होनेके कारण और ज्यादा जानकारी नही है।इसलिए शासन को नही बताये हैं।
इस विषय मे कब्र में दफन मृतका के परिजन लाल सिंह धुरुवे ने बताया कि

डेढ़ साल पहले यहां पर मेरी बड़ी माँ को दफन किया गया था।कुछ बाढ़ के कटान और कुछ रेत के अवैध उत्खनन करने के कारण हड्डियाँ बाहर आ गयी है।अब इसकी कैसे व्यवस्था की जाएगी यह पंचायत से मशवरा कर किया जाएगा।
इस विषय मे सरपंच प्रतिनिधि प्रीतम चतुर्वेदी का कहना हैं कि
इस साल गाँव में आये बाढ़ के कारण नदी के किनारे की मिट्टी कट गयी इससे नजदीक के श्मशान नदी से लगे हुए दो तीन कब्र भी बह गए है।इसकी मौखिक सूचना जुनापारा चौकी में दिया था।यह कब्र भी उनमें से एक है।जिनके कब्र बह गए उनके परिजनों को सूचित कर हड्डियों को उचित रीति से दफनाया गया है।इस कब्र से संबंधित के परिजनों ने भी इनकी व्यवस्था करने की बात कही थी ।इसलिए प्रशासन को सूचना नही दी गयी।यदि उनके द्वारा ठीक से व्यवस्था नही की जाती है तो पंचायत की ओर से व्यवस्था की जाएगी। रेत के अवैध उत्खनन की बात बेबुनियाद है।यह विपक्षियों द्वारा किया जा रहा दुष्प्रचार है।जनपद से जांच की जा चुकी है सारे आरोप गलत निकले हैं।