तख़तपुर
ब्यूरो- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा आज घोषित किये गए परिणामो में हाई स्कूल 2020 की परीक्षा में जरहागाँव की प्रज्ञा कश्यप ने इतिहास रचते हुए प्रावीण्य सूची में पहला स्थान प्राप्त किया है।उसने 600 में से 600 अंक प्राप्त कर न केवल टॉप किया बल्कि इतिहास भी बना डाला।

प्रज्ञा कश्यप ने बताया कि यदि अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ विश्वास हो और उसके लिए समय निर्धारित कर सही रणनीति बनाकर प्रयास किया जाये तो सफलता निश्चित मिलती है।प्रज्ञा ने कहा कि उसे प्रावीण्य सूची में आने का विश्वास तो था, मगर प्रदेश में टॉप करना और 600 में से 600 अंक हासिल होने जैसी सफलता की अपेक्षा नही थी ।प्रज्ञा कश्यप ने बताया कि उनकी आठवी तक की शिक्षा तख़तपुर के सेवेंटी प्लस प्रोग्रेसिव उच्च. माध्य.शाला में हुई।उसके बाद जरहागाँव के शासकीय स्कूल में प्रवेश ले लिया।बता दें कि प्रज्ञा के पिता शिव कश्यप स्वयं कवर्धा जिले के पंडरिया ब्लॉक सेल्हामलगी में ब्याख्याता और उनकी माँ लता कश्यप गृहणी हैं।अपनी बेटी की सफलता पर उनका कहना था कि यह ईश्वर की कृपा और प्रज्ञा की मेहनत ने ही उसे सफलता दिलाई है।उसके अंदर किसी भी विषय वस्तु को बहुत जल्दी समझने की क्षमता है।उसकी इस क्षमता का महत्वपूर्ण योगदान है।

पढ़ाई के लिए किस तरह तैयारी की इसके जवाब में प्रज्ञा ने बताया कि यह आपकी बौध्दिक क्षमता के ऊपर निर्भर करता है कि कितने घंटे पढ़ाई करने से आपकी तैयारी हो पाती है।मैंने हर विषय के लिए प्रति दिन एक घंटा निर्धारित किया था और उसी।के अनुसार पढ़ाई करती रही ।प्रति दिन छः घंटे की पढ़ाई मेरे लिए पर्याप्त था। बोर्ड द्वारा किये गए अंक विभाजन को समझकर उसके अनुसार विषय और चैप्टर का अध्ययन किया ।बिना किसी अतिरिक्त ट्यूशन के सही ढंग से मन लगाकर पढ़ाई करने से मुझे यह उपलब्धि मिली है।आगे चलकर क्या बनना चाहती है इसके जवाब में प्रज्ञा का कहना था कि सिविल सर्विस में काम करने वाले अफसर जनता से जुड़े रहते है,और उनकी समस्याओं को हल करने में महती भूमिका निभाते है। इसलिए आगे जाकर मेरा लक्ष्य आईएएस बनना है।आईएएस बनकर मैं अपने देश और राज्य के पिछड़े हुए लोगो की सहायता कर सकूं और उनसे जुड़ कर उनका सुख दुख बाँट सकूं। अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेगी इसके जवाब ने उनका कहना था कि मेरी सफलता में सबसे पहले ईश्वर , माता-पिता , घर सभी के बड़े सदस्यो ,विद्यालय के गुरुजनों के आशीर्वाद और सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।विशेषकर मेरे पिता जी जिन्होंने में मुझे सही मार्गदर्शन दिया और बोर्ड परीक्षा में उत्तर लिखने की शैली के बारे में बताया। आगे की पढ़ाई गणित विषय लेकर करने की बात बताते हुए नये विद्यार्थियों के लिए कहा कि स्वयं की क्षमता को पहचान कर उसके अनुसार पढ़ाई और समय का मैनेजमेंट करे,और बोर्ड द्वारा किये गए अंक विभाजन के अनुसार विषय की तैयारी करने पर सफलता मिलने की प्रत्याशा ज्यादा रहेगी।आपको अपने ऊपर भी विश्वास होना चाहिए कि आपने जो लक्ष्य बनाया है उसे प्राप्त कर सकते है।
