बिलासपुर
ब्यूरो
तखतपुर जनपद क्षेत्र के गिरधौना धान उपार्जन केन्द्र में भारी अव्यवस्था के साथ किसानों से अधिक धान लिया जा रहा है।तौल कर रखे गए धान के बोरों का वजन भी अलग अलग पाया गया है।वही इस विषय में कलेक्टर ने जांच कराकर कार्यवाही करने की बात कही है।जबकि सीईओ ने सुपरवाइजर से जांच करने और स्वयं जाकर देखने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जोरो पर है। गिरधौना उपार्जन केंद्र में किसानों से तय मात्रा से अधिक धान लिया जा रहा है।जब तौल कर रखे गए धान के बोरों को तौलाया गया तो धान के अलग अलग बोरों में अलग अलग वजन पाया गया।वही खरीदे गए धान की स्टेकिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है।धान के बोरों की स्टेकिंग के लिए भूसी का केवल एक लेयर ही धान के बोरों के किनारे में ही लगाया गया है।इस तरह व्यवस्था के लिए प्राप्त पैसे को अंदर कर लिया गया है।इसके चलते धान के फड़ में चूहों ने अपना घर बना लिया है।और धान नीचे से नमी सोख रहे हैं। इससे धान के बोरों के साथ साथ धान भी खराब हो रहे हैं।
तौले गए धान के बोरों में अलग अलग वजन
गिरधौंना धान खरीदी केंद्र में किसानों से खुले आम प्रति बोरा 41 किलो से अधिक का धान लिया जा रहा है।जबकि शासन द्वारा तय मात्रा बोरा सहित 40 किलो 600 ग्राम है ।लेकिन नियमो को ताक पर रखकर किसानों से 41 किलो 200 ग्राम से 41 किलो 360 ग्राम तक धान लिया जा रहा है।इस तरह किसानों से प्रति क्विंटल डेढ़ से दो किलो अधिक धान लिया जा रहा है।वही जब केंद्र में तौल कर रखे गए धान के बोरों को तौला कर देखा गया तो तौल में वजन अलग अलग पाया गया।किसी में 41 किलो 200 ग्राम दूसरे में 41 किलो 300 ग्राम,तीसरे में 41 किलो 360 ग्राम,चौथे में 41 किलो 340 ग्राम वजन निकला इस तरह एक ही खरीदी केंद्र के तौले गए धान के बोरों में धान का वजन अलग अलग पाया गया,जो कि केंद्र में धान के तौल में गड़बड़ी की ओर संकेत करता है। यदि केंद्र में धान की तौल सही किया गया है तो धान के तौल में वजन अलग अलग क्यों है? या फिर किसानों के धान को केवल तपास कर ही पलटी कर दिया गया।इस विषय में जब केंद्र प्रभारी धनुष राम सिंगरौल से बात की गई तो उनका जवाब गोल मोल था।उनका कहना था कि अलग अलग तौल होगा तो वजन में अलग अलग होगा ही।मगर इस बात का जवाब नही दे पाए कि जब तौल में एक निश्चित वजन ही लिया जा रहा है तो बोरों में वजन में अंतर क्यों है।
स्टेकिंग के लिए सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं
गिरधौना खरीदी केंद्र में खरीदी के बाद रखे गए धान के बोरों को स्टेकिंग जमीन पर किया गया है।सुरक्षा के दृष्टिकोण से जमीन में स्टेकिंग करने से पूर्व धान की भूसी के बोरों के दो स्तर बिछाना चाहिए। उसके बाद धान की स्टेकिंग किया जाना था।लेकिन गिरधौना खरीदी केंद्र में धान को स्टेकिंग के लिए भूसी के बोरों का एक भी स्तर नही लगाया गया है।केवल किनारों पर ही भूसी के बोरों का एक स्तर ही लगाया गया है।जबकि बीच में भूसी की बोरी का स्तर नही लगाया गया है।मात्र पन्नी बिछा दिया गया है।जब स्टेकिंग के बोरों के उठाव वाली जगह को देखा गया तो वहां चूहों ने बिल बना रखा है।वहीं धान के बोरों द्वारा भी नमी सोखा जा रहा है। यदि स्टेकिंग के पूर्व दो स्तर भूसी का लगाया होता तो चूहे शायद धान के बोरों तक नही पहुंच पाते ।साथ ही नीचे से नमी भी नहीं सोखते ।इस विषय के केंद्र प्रभारी धनुष राम सिंगरौल ने कहा कि धान के बोरों के नीचे पन्नी लगाया गया है।हम लोग हर वर्ष इसी तरह की व्यवस्था करते है।
अन्नदताओ के लिए नहीं है व्यवस्था
शासन के निर्देशानुसार धान उपार्जन केन्द्रों में अन्नदाताओं के लिए छाया और पीने के पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।लेकिन गिरधौना में किसानों के लिए छाए की कोई व्यवस्था नहीं है।वहीं पीने के पानी के नाम पर बोर से ड्रम में भरकर रखा गया पानी है।
गिरधौना धान खरीदी केंद्र में किसानों से अधिक धान लिए जाने और तौल में बोरों में अलग अलग वजन होने को लेकर कलेक्टर अवनीश कुमार शरण से बात की गई तो उन्होंने जांच करने के निर्देश देने की बात कही।
वही सीईओ सहकारिता दुर्गेश साहू से बात करने पर कहा गया कि मैं स्वयं जाकर देख लेता हूं यदि गड़बड़ी की गई है तो कार्यवाही जरूर किया जायेगा।फिलहाल मैं सुपरवाइजर को भेज कर जानकारी ले लेता हूं।
खरीदी केंद्र प्रभारी धनुष राम सिंगरौल ने कहा कि हमारे यह हर वर्ष यही व्यवस्था रहती है।अलग अलग धान तौल हो रहे हैं तो बोरों का वजन अलग अलग तो आयेगा ही।