शादी के बाद दुल्हन की विदाई हुई दूल्हे के साथ, लेकिन पहुंच गई थाने !

बिलासपुर

राजीव दुबे

दूल्हा बाजे गाजे के साथ बारात लेकर आया ।शादी हुई और उसके बाद दुल्हन को विदा कराकर अपने घर ले जाने निकला।लेकिन रास्ते मे कुछ ऐसा हुआ कि दुल्हन अपने ससुराल की बजाय थाने पहुंच गई।उसके बाद उसे वहां से परिजनों को सौंप दिया गया।

अनोखी विदाई का मामला दंतेवाड़ा, बस्तर, कांकेर और राजनांदगांव जिले को आपस में जोडता है ।यह कहानी दंतेवाड़ा की रहने वाले आरती सहारे,बस्तर जिले के बकावंड के रहने वाले विकास गुप्ता और महाराष्ट्र के सावरगांव के एक युवक के त्रिकोण और छत्तीसगढ़ के चार जिलों में घूमती है।कहानी एक तहर से फिल्मी है इसलिए इसे इसी अंदाज में लिखा जा रहा है।

पहले सीन में महाराष्ट्र सावरगांव का युवक का युवक बालोद के दल्लीराजहरा में 6 फरवरी को आरती सहारे को व्याह कर लेजाने बारात लेकर आता है।शादी होती है उसके बाद आरती की विदाई होती और और युवक उसे लेकर अपने गांव की ओर निकल पड़ता है। 7 फरवरी की सुबह चार बजे जब बारात वापस होते हुए राजनांदगांव के मानपुर के पास पहुंचने पर दुल्हन टॉयलेट जाने की बात कहती है।गाड़ी रोक दी जाती है और दुल्हन टॉयलेट जाने के बहाने कुछ दूर जाती है।लेकिन इसी बीच अंधेरे का फायदा उठाकर वह किसी दूसरी गाड़ी में बैठकर चली जाती है। दुल्हन के इस तरह बीच रास्ते मे गायब हो जाने से सारे बाराती हड़बड़ा जाते है और आनन फानन में मानपुर थाने जाकर शिकायत दर्ज कराते है।नाइ नवेली दुल्हन के इस तरह गायब हो जाने की बात को गंभीरता से लेते हुए मानपुर पुलिस आसपास के सभी जिलों की पुलिस और थाने को अलर्ट कर देती है।

7 फरवरी की दोपहर 1 बजे कांकेर में मानपुर से गायब हुई दुल्हन आरती और एक युवक विकास गुप्ता को पकड़ लिया जाता है।दोनों को कांकेर पुलिस थाने लेकर आती है और मानपुर पुलिस को सौंप देती है।मानपुर थाने में आरती और विकास अपनी प्रेम कहानी के बारे में बताते है।

दंतेवाड़ा में रहने वाली आरती का पैतृक गांव बालोद के दल्लीराजहरा में है,जहाँ 7 फरवरी को उसकी बारात आयी थी।लेकिन इसके पूर्व 2017 में उसकी मुलाकात बस्तर के बकावंड में रहने वाले विकास गुप्ता से होती है और दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगते है।इसकी जानकारी आरती के पिता और परिवार वालो को होती है तो आरती के बालिक होते ही उसकी शादी महाराष्ट्र के एक युवक से तय कर देते है।शादी की बात विकास को पता चलती है।इस बीच शादी के करीब आते आते आरती के परिवार वाले उस पर कड़ी निगरानी रखने लगते है।इसके चलते आरती को विकास के साथ शादी के पहले भाग जाने का मौका नही मिलता है।तब वह शादी के बाद विकास के साथ भागने की योजना बनाती है।शादी में मंडप से लेकर रास्ते में हर समय अपनी लाइव लोकेशन व्हाट्सअप के माध्यम से विकास को भेजती रहती है।विकास अपने दो दोस्तों के साथ आरती के बारात का एक कार में पीछा करने लगता है।विकास के संकेत पर आरती मानपुर में टॉयलेट का बहाना बनाकर उतरती है और अंधेरे में बारातियों को धोखा देकर पीछे आ रहे विकास की कार में बैठकर चली जाती है,जो।कांकेर पुलिस के द्वारा पकड़ लिए जाते हैं।

मानपुर थाने में आरती ने बताया कि विकास और उसके बीच के प्रेम प्रसंग की जानकारी उसके पिता को होने पर उसकी शादी तय कर दी गयी।लड़की घर से भाग न जाये इसलिए निगरानी में उसकी बुआ को लगाया गया था, जो हर पल उसके साथ रहती थी।शादी के दिन उसकी तबियत भी बिगड़ गयी थी।खून भी चढ़ाया जा रहा था लेकिन फेरों का समय होने के कारण आधा ही चढ़ाया गे।आरती ने बताया कि वह मंडप में बेहोश हो गयी थी और जब होश आया तो।गले मे मंगलसूत्र था और शादी हो चुकी थी।कब कितने समय फेरे हुए उसे कुछ याद नही था। उसने बताया कि विकास ने उसे नही बल्कि उसने विकास को भगाया है।

मानपुर पुलिस ने विकास और उसके दोस्तों को छोड़ दिया है व आरती को उसके परिजनों को सौंप दिया है।आगे क्या होगा यह तो आरती,उसके परिजन ,विकास और उसके हो चुके ससुराल वालों के ऊपर निर्भर करता है।

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