रायपुर
ब्यूरो –
चुनाव पूर्व गंगाजल हाथ मे लेकर शराबबंदी की कसम खाने वाले कांग्रेस के नेता मंत्री बनने के बाद शराब बंदी के प्रश्न पूछे जाने पर बहरे बन जा रहे है।बहुत भीड़ में भी जो सबको सुनाई देता है।पत्रकारों का वह सवाल आमने सामने खड़े मंत्री जी को सुनाई नही देता है।अब या तो मंत्री जी के कानों को इलाज की आवश्यकता है या सुन कर भी अनसुना कर रहे है।इससे तो यही संदेश जा रहा है कि अब कांग्रेस अपनी गंगा जल वाली कसम को शराब में घोल कर पी गयी है और प्रदेश में शराब बंदी फिलहाल असंभव ही है।
राजनंदगांव जिले के दौरे में डोंगरगढ़ में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत पत्रकारों के द्वारा शराबबंदी के सवाल पर यह कहकर चुप्पी साध ली कि ‘आपने जो कहा मुझे सुनाई ही नही दिया’।दरअसल संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत को राजनांदगांव के प्रभारी मंत्री बनाये जाने के बाद वे राजनांदगांव पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया।उन्होंने डोंगरगढ़ जाकर बम्लेश्वरी देवी की पूजा कर प्रदेश की खुशहाली और अच्छी बारिश के साथ प्रदेश की जनता की कोरोना से रक्षा के लिए प्रार्थना की।इसके बाद पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछे एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर की आप प्रदेश के संस्कृति मंत्री है।शराब के कारण प्रदेश की संस्कृति में भ्रष्ट हो रही है।क्या कहना चाहेंगे? इस पर मंत्री जी ने जो जवाब दिया वह विपक्ष को हमलावर होने का मौका दे गया।संस्कृति मंत्री ने पत्रकार से कहा कि ‘ आपने क्या कहा मुझे सुनाई ही नही दिया’ इसके बाद वे वहां से चले गये।
मंत्री जी का यह जवाब देना था कि उधर पूर्वमुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने फौरन ट्वीट कर राजनीतिक हमला शुरू कर दिया।डॉ रमन सिंह ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि “कांग्रेस को चुनाव से पहले सब सुनाई देता था और सब दिखाई देता था।अब न सुनाई देता है, न ही दिखाई देता है। इसलिये जनता कह रही है- वक्त है पछताव का”
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शराब बंदी के वादे के साथ सत्ता में आई कांग्रेस विपक्ष में रहते इस मुद्दे को खूब उछालती रही है।जनता को भरोसा दिलाने चुनाव से पहले गंगा जल हाथ मे लेकर शराबबंदी की कसम खायी थी ।मगर अब वही चुनावी स्टंट कांग्रेस शासन के मंत्रियों के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है।उन्हें शराबबंदी के प्रश्न का कोई जवाब नही सूझ रहा है,इसलिए सुनकर भी बहरे बन रहे है।