बिलासपुर
ब्यूरो– कोरोना वॉरियरों के सम्मान की बात यूं ही नही कही जा रही है।इसलिए नही की यह वॉरियर कोरोना से लड़ाई में बनाने में लगे हुए है।सम्मान उस भाव का हो रहा है,जो अपना सर्वस्व समर्पित कर भी देश को बचाने की प्रेरणा देता है।अपने घर परिवार ,माता-पिता,पत्नी, बेटे-बेटियों के पास होकर भी उन्हें छू भी नही पाने की पीड़ा सहने की शक्ति देता है।जब भी आपके मन मे निराशा घर करे इनके साहस और भाव को याद कर लेना।आपके जीवन मे एक नई ऊर्जा का संचार हो जाएगा।
ऐसी ही एक प्रेरणादायी कोरोना वॉरियर है रायपुर पुलिस की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृता सोरी ध्रुव।इनकी कर्तव्यनिष्ठा निश्चित रूप से समाज के किसी भी व्यक्ति के लिए प्रेरणादायी है।यह लगातार कोरोना की लड़ाई में अपना योगदान दे रही है।बिना इन बात की परवाह किये कि उनके साथ उनके परिवार, समाज, राज्य और देश का भविष्य भी गर्भ में पल रहे शिशु के रूप में खतरे में है।
जब आप घोर निराशा के गर्त में गिरे होते हों तो कोई न कोई प्रेरणादायी जीवन चरित्र याद कर लीजिएगा ।आपको उस निराशा के अंधकार में ऊर्जामयी नई किरण दिखाई देगा जो वहां से आपको निकाल लेगा।ऐसी ही एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व है रायपुर पुलिस की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृता सोरी ध्रुव,जो सात माह की गर्भ से है।और ऐसी स्थिति में भी अपने कर्तव्य के प्रति पूरी निष्ठावान है। जब आराम से आरामदायक नौकरी पेशा महिलाएं प्रसूति अवकाश लेकर घर में आराम करती है।उस अवस्था मे भी रायपुर पुलिस की अधिकारी अपने पेट मे सात माह के गर्भस्थ शिशु के साथ कर्तव्य का निर्वहन पूरी निष्ठा और लगन के साथ करते हुए कोरोना की लड़ाई में अपना धर्म निभा रही है।उनके इस उत्साह और कर्तव्यनिष्ठा से उनके साथ काम कर रहे अन्य पुलिस कर्मचारी भी उत्साहित है। रायपुर पुलिस की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृता सोरी ध्रुव की इस कर्तव्य परायणता की प्रशंसा उच्चाधिकारी भी कर रहे है।क्या दिन? क्या रात हर परिस्थिति में अपना सब कुछ आमजनों की सुरक्षा के लिए समर्पित करने की तीव्र इच्छा शक्ति ही जो उन्हें इस अवस्था मे सड़क पर अपने कर्तव्य निर्वहन की प्रेरणा देती है।रायपुर पुलिस की महिला शाखा की प्रभारी अमृता जिस तरह गर्भवती होने के बाद भी अपने कर्तव्यो का निर्वहन कर रही है।ऐसी ही माताएं देश को भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, अब्दुल कलाम, जैसे सपूत दे सकती है।
Cmo Chhattisgarh Bhupesh Baghel