कोटा
हरीश चौबे
करगीरोड-कोटा:-कोरोनो-वायरस के प्रकोप के चलते 21-दिनों के लॉकडाउन को लेकर शहरी-क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण-क्षेत्रों में जागरूकता काफी देखी जा रही है, कोटा-विकासखंड के करका, करपीहा-धनरास, पीपरपारा-छेरकाबाँधा, बिल्लीबंद, अमाली, लखोदना, खुरदुर अमने, नेवसा, सहित काफी सारे ग्राम-पंचायतों के ग्रामीणों, युवा-वर्ग व अन्य लोगों के द्वारा अपने-अपने ग्राम पंचायत के सीमा पर ही बैरिकेट्स लगाकर युवा ग्रामीण वॉलिंटियर बकायदा मास्क लगाकर लगातार पहरेदारी कर रहे हैं, एक प्रकार से पुलिस एवं प्रशासन का सहयोग कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं, ना ही गांव से कोई बाहर जाने का प्रयास कर रहा है, ना ही किसी दूसरे गांव से आने वाले लोगों को अपने गांव में प्रवेश दिया जा रहा है, यहां तक की दूसरे प्रदेश से कमाने खाने गए लोग अगर वापस अपने गांव लौट रहे हैं, तो भी उनको जल्दी से गांव के अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, बल्कि इन्हें 14 दिनों तक गांव से बाहर रहने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि सामने वाला कोरोना वायरस से अगर संक्रमित हो तो पूरा गांव संक्रमित ना हो सके साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है, कि अगर कोई स्वास्थ्य को लेकर या फिर रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं अगर आवश्यक हो तभी ग्रामीण जन गांव से बाहर निकलने का प्रयास करते हैं, यह एक अच्छी पहल है इस प्रकार की पहल का ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के साथ शहरी क्षेत्रों के लोगों को भी पालन करना चाहिए पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग का यह अच्छा उदाहरण हो सकता है।

ग्रामीण इलाकों में युवा एवं जनप्रतिनिधियों के इस जागरूकता भरे संदेश से कोटा नगर सहित शहरी क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवी-वर्ग गणमान्य-नागरिकों को भी इसी प्रकार से पहल करना चाहिए कोटा नगर के 15 वार्डों में अगर 15 वार्डों के जनप्रतिनिधि पार्षद गण, वार्ड के ही युवाओं के सहयोग से बिना भीड़भाड़ के इस तरह के तरीके को अगर उपयोग करें तो काफी हद तक पुलिस एवं प्रशासन की मदद हो जाएगी, पुलिस एवं प्रशासन के मित्र बनकर कर कोरोना वायरस की इस लड़ाई में अपनी भूमिकाओं का निर्वहन कर सकते हैं, इसके अलावा वार्ड में होने वाली गरीब तबके के मजदूर लोगों की भी परेशानी का हल निकल सकता है उनके राशन-पानी या स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी परेशानियों को प्रशासनिक-अधिकारियों, मीडिया के सहयोग से उनकी समस्याओं का हल भी निकल सकता है, अपने-अपने घरों में रहकर अगर इस प्रकार के कार्य कोटा नगर के 15 वार्डों में जनप्रतिनिधियों और युवा-वर्गों के सहयोग से किया जाता है, तो यह एक अच्छी पहल होगी।
