बिलासपुर
ब्यूरो
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार फ़ोन कर मजदूरों और गरीबो से बात कर दी जा रही सहायता की जानकारी ले रहे है।उन्होंने आज बिलासपुर के त्रिवेणी भवन में ठहराए गए मजदूर यूसुफ खान से बात की और मिल रही सहायता के विषय में जानकारी ली।यूसुफ खान ने सहायता के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए वापस अपने गांव जाने की इच्छा जताई है।

छत्तीसगढ़ सरकार लॉक डाउन पीरियड में सभी गरीब और मजबूर लोगो के की सहायता के लिए विभिन्न निर्णय लेकर सहायता पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है।सरकार द्वारा दी जा रही सहायता लाभार्थियों तक पहुंच रही है या नही इसकी जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री लगातार लोगो से मोबाइल पर बात कर रहे हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर के त्रिवेणी भवन में ठहरे श्रमिक युसुफ खान से मोबाईल पर बात की। मुख्यमंत्री ने युसुफ खान से रहने, खाने, पीने और अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। युसुफ खान ने बताया कि उन्हें खाने, पीने, रहने की कोई समस्या नहीं है। यहां जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा सभी व्यवस्था की गई है। सवेरे, शाम चाय-नाश्ते के साथ ही दोपहर एवं शाम का भोजन दिया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपने गांव जाने की इच्छा जताई। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि कोरोना वायरस के कारण लाॅक डाउन बहाल होने के बाद तत्काल उन्हें भेजने की व्यवस्था की जाएगी। युसुफ खान ने छत्तीसगढ़ में उनके लिए की गयी व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।

कोरोंना के कारण काम बंद होने से कई राज्यों के।मजदूर अपने गृह राज्य की ओर वापस लौट रहे है।मगर कई मजदूर दूसरे राज्यो में जाकर अटक गये है।और वहां की सरकार उनके लिए व्यवस्था कर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा केरल से आने वाले मजदूरों को व्यापार विहार स्थित त्रिवेणी भवन में रूकवाया गया है। यहां पश्चिम बंगाल के 50, असम के 7, बिहार के 3, झारखण्ड के 1, उत्तरप्रदेश के 1 एवं मध्यप्रदेश के 2 मजदूर रूके हुये हैं। यूसुफ खान नादिया पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। वे भवन निर्माण में सेट्रींग का कार्य करते है। वे काम करने के लिये केरल गये थे। कोरोना वायरस के कारण केरल से पश्चिम बंगाल जाने के लिये निकले मजदूर बिलासपुर स्टेशन में आकर लाॅक डाउन के कारण फंस गये और आगे जाने के लिये कोई ट्रेन नहीं थी।