तखतपुर
ब्यूरो
जरहागाँव-कल शाम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में 23 से 31 मार्च तक लॉक डाउन की घोषणा की है।और इसमे जनता को संबोधित करते हुए सहयोग की अपील भी की है।जरहागाँव में मुख्यमंत्री की अपील और कोरोना के रूप में महामारी के मंडरा रहे खतरे से कोई फर्क नही पड़ रहा है।जरहागाँव में आज भी लगभग सभी दुकाने खुली है।
कोरोना की लड़ाई के लिए छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों ने लॉक डाउन की घोषणा की है।इसमें दैनिक जीवन के लिए आवश्यक वस्तु की दुकानों के अलावा अन्य दुकाने बन्द रखे जाने है। लोगों को घर से बाहर नही निकलना है।कही भी इकट्ठे नही होना है ,क्योंकि शहरी और ग्रामीण सभी क्षेत्र में धारा 144 लागू रहेगा।लेकिन इन सब बातों का असर जरहागांव के लोगो और वहाँ के प्रशासन पर नही पड़ा है। आज भी जरहगांव में बस स्टैंड के अधिकांश दुकाने खुली हुई है लोग बे खटके और बिना सुरक्षा के आ-जा रहे है।प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।साथ ही यह भी बता दें कि कल जब पूरा देश जनता कर्फ्यू लगाए हुए था तब भी जरहागाँव में शराब दुकान खुली हुई थी।इससे तो लगता है।जब कोरोना भयावह रूप ले लेगा तो फिर शायद निद्रा टूटे।और मुख्यमंत्री और कलेक्टर के आदेश के पालन की सुध ले।मगर तब तक कहीं देर न हो जाये।
लोग जानबूझकर आने वाले खतरे की अनदेखी कर रहे हैं।इससे सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास असफल होने की संभावना बढ़ जाती है।प्रशासन भी सरकार के निर्देशों और आदेशो की अनदेखी कर लोगो को दुकाने नही खोलने के लिए तैयार नही कर पा रहा है।जो जागरूक हैं वह भी ऐसे लोगो को समझाने की कोशिश नही कर रहे हैं।उन्हें इस बात का एहसास नही कि केवल कुछ लोगो के सहयोग से कोरोना से नही जीत जा सकता।सभी का सामूहिक प्रयास आवश्यक है।इसलिए प्रशासन को थोड़ी कड़ाई करते हुए ऐसे लापरवाह लोगो के विरुद्ध सख्त उठाने चाहिए।अन्यथा दुसरो की देखा देखी में के लोग ऐसा करने लगेंगे ।इसके कारण सारा किया कराया गुण गोबर न हो जाये