कानन प्रबंधन की लापरवाही से रेस्क्यू कर लाये गए भालू की मौत

तखतपुर ( गोविंद सिंगरौल )

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तखतपुर ( गोविंद सिंगरौल )
सकरी कानन पेण्डारी में जानवरों की देखभाल में हो रही लापरवाही और उनसे मौतो का सिलसिला थम नही पा रहा है।आज फिर एक भालू लापरवाही की भेंट चढ़ गया।रायगढ़ से रेस्क्यू कर लाये गए भालू की उचित देखरेख की कमी और लापरवाहीपूर्ण इलाज से मौत हो गयी।उस पर यह की कि भालू को गुपचुप तरीके से दफन भी कर दिया गया।इस बात की खबर मीडिया को न लगे इसकी पूरी कोशिश की गई मगर मामला खुल ही गया। इससे पहले भी कई जानवर कानन प्रबंधन की लापरवाही से अपनी जान गंवा चुके है।

        प्राप्त जानकारी के अनुसार रायगढ़ से लगभग पखवाड़े भर पूर्व लाये गए भालू को घायल होने के कारण कानन के इलाज किया जा रहा था ।मगर सही इलाज नही मिल  पाने के कारण उसकी हालत लगातार बिगतो जा रही थी।लेकिन कानन प्रबंधन कोई ठोस कदम नही उठा रहा था ।और जब स्थिति बस से बाहर हो गयी तो बाहर के डॉक्टरों को बुलाकर इलाज कराने का प्रयास किया गया।मगर यह कदम उठाने में काफी देर हो गयी थी ।इसलिए घायल भालू ने आज डैम तोड़ दिया। 

भालू की मौत को खबर से कानन के कर्मचारी सकते में आ गए और इसकी सूचनासीसीएफ,डीएफओ सहित बड़े अधिकारियों को दी गई। उनके कानन पहुँचने के बाद शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
कानन प्रबंधन मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया मगर किसी तरह मामले ली जानकारी प्रेस और मीडिया को हो ही गया।लेकिन अधिकारी कुछ भी लाहान से बचते रहे।
इससे पूर्व भी कानन के सफेद शेर,मादा हिप्पो,चीतल,सांभर की मौत हो चुकी है।मगर लापरवाही में कोई भी सुधार नही दिखाई दे रहा है। इससे समझा जा सकता है कि कानन पेण्डारी अपनी गलतियों से कोई भी सीख नाहीनले रहा है ।और उनकी गलतियों से बेजुबान जानवरो पर आफत आयो हुई है।लगातार जानवरो की मौतों के बाद भी कानन प्रबंधन पर अभी तक कोई बड़ी कार्यवाही नहीं होने की वजह से ही लापरवाही जारी है।देखना यह है कि प्रबंधन और प्रशासन कितनी बाली लेने के बाद सुधरते है।*

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