बिलासपुर
ब्यूरो –
तख़तपुर और कोटा विधानसभा के आठ ग्राम पंचायतों को प्रभावित करते हुए खोले जा रहे कोल् वाशरी के विरुद्ध पंचायत और लोग लाम बन्द हो गए है।वे किसी भी कीमत पर कोल् वाशरी नही खुलने देने की बात कह रहे है।इसके लिए मुख्यमंत्री से मांग करने के साथ साथ यदि बात नही बनी तो हाई कोर्ट में याचिका लगाने तक कि बात कही जा रही है।
तख़तपुर क्षेत्र में खोले जा रहे कोल् वाशरी के विरोध में आसपास के ग्रामीण मुख्यमंत्री और हाई कोर्ट तक जाने की रणनीति बना रहे हैं। तख़तपुर और कोटा के बीच मेसर्स महावीर कोल् वाशरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा खोले जा रहे कोल् वाशरी प्लांट का, इससे प्रभावित हो रहे आठ पंचायतों के सरपंचों ने विरोध दर्ज करा दिया है। लेकिन इसके बावजूद जन सुनवाई की जा रही है।तात्पर्य यह कि शासन जन भावनाओ को नज़र अंदाज़ कर कोल् वाशरी खोलने की पूरी मंशा बना चुकी है।दरअसल मेसर्स महावीर कोल् वाशरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्षेत्र में खोले जा रहे कोल् वाशरी के लिए प्रभावित हो रहे तख़तपुर के खरग्रहना, खरगहनी, गोकुलपुर, और भरारी तथा कोटा क्षेत्र के पिपरतराई,छेरकाबाँधा, पथर्रा, खुरदूर के ग्रामीणों को 4 अगस्त को जनसुनवाई के लिए पथर्रा बुलाया गया था।
यहां की जा रही जन सुनवाई में सरपंचों ने लिखित में आपत्ति दर्ज कराते हुए कोल् वाशरी लगाये जाने का विरोध किया।जनप्रतिनिधियों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए बताया कि कोलवासरी खुलने से आसपास के गांवों पर्यावरण प्रदूषित होगा।पर्यावरण के प्रदूषित होने से आसपास के लोगो के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।उन्हें खासी, अस्थमा, स्वास लेने में तकलीफ सहित अन्य बीमारियों का खतरा निकलने वाले डस्ट के कारण बढ़ जाएगा। किसानों की सैकड़ो एकड़ उपजाऊ जमीन बंजर हो जाएगी,कोल् वाशरी से निकलने वाले अवशिष्ट पदार्थ से आसपास के किसानों के खेतो की फसल नष्ट हो जाएगी, किसानों का जमीन बर्बाद हो जाएगा धान, गेहूं, सब्जी, की फसले अधिक मात्रा में प्रभावित होगा,और फसल काली हो जायेगी।कोल् वाशरी में चलने वाले भरे वाहनों जैसे-हाइवा, ट्रक, टेक्टर,की बार-बार आवाजाही से सड़कें जर्जर हो जाएंगी।इससे आस पास लोगो के दुर्घटना होने और आवागमन में परेशानी के साथ यात्रा दूभर हो जाएगा।जिला काँग्रेस कमिटी के सचिव बिहारी सिंह टोडर ने बताया है कि सरपंचों के साथ मिलकर हमारे द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद भी 11 अगस्त को पुनः खरग्रहना में जनसुनवाई का आयोजन किया जा रहा है।हम इसका भी विरोध करेंगे और अपनी बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जाकर रखेंगे।यदि वहां भी समस्या का समाधान नही होगा तो उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कोल् वाशरी की स्थापना को रोकेंगे।किसी भी कीमत पर यहाँ केवल वाशरी संचालित नही होने देंगे।
मेसर्स महावीर कोल् वाशरी प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा स्थापित किये जा रहे कोल् वाशरी के प्लांट के लिए 4 तारीख को हुई जन सुनवाई में जनप्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद भी 11 अगस्त को फिर से जन सुनवाई किया जाना शासन की मंशा को स्पष्ट कर देता है कि शासन किसी भी स्थिति में वाशरी को लगाना चाह रही है।चाहे इसके लिए जन भावना का दमन ही क्यों न करना पड़े।लगता है कोल् वाशरी की स्थापना को रोकने के लिए आसपास के ग्रामीणों को लंबी और संघर्ष पूर्ण लड़ाई लड़नी पड़ेगी ।