हिंदी माध्यम से पढ़ी छोटे से गांव की लड़की हौसले से बनी अंग्रेजी की सहायक प्राध्यापिका

तख़तपुर

भूपेंद्र कुमार –

दृढ़ निश्चय और आत्मबल से दुनिया जीती जा सकती है।स्वयं पर विश्वास हो तो असंभव कुछ भी नही।इसी आत्मविश्वास का परिचय दिया है छोटे से गांव और गरीब परिवार की बेटी ने।पूरी पढ़ाई हिंदी माध्यम से करने के बाद भी उसके आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय ने ही अंग्रेजी का सहायक प्राध्यापक बना दिया।पीएससी द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में अंग्रेजी की सहायक प्राध्यापिका के रूप में चयनित होकर क्षेत्र और परिवार का नाम उज्ज्वल करते हुए बताया कि भाषाई सीमाएं कभी भी लक्ष्य के सामबे रोड नही बन सकती।

तख़तपुर क्षेत्र के छोटे से गांव शांतिपुर(धूमा) की ज्योति कुर्रे का चयन छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक ( assistant professor) परीक्षा -2019 में हुआ है।वे अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक के रूप में चयनित की गयी है।तख़तपुर के नजदीक छोटे से गांव शांतिपुर (धूमा) में रहने वाली गरीब परिवार की लड़की जो गांव में ही पढ़ी बढ़ी है।ज्योति ने अपनी पढ़ाई हिंदी माध्यम से की है ,और अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर ही अंग्रेजी की सहायक प्राध्यापक के रूप में चयनित होकर गांव ,परिवार,समाज व बिलासपुर जिला का नाम गौरवान्वित की है। ज्योति के चयन ने यह मिथक तोड़ दिया है कि हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले अंग्रेजी में कुछ नही कर सकते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *