बिलासपुर –
छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट में निकाले गए सहायक ग्रेड 2 और 3 के विज्ञापन का सहारा लेकर 20 से अधिक लोगो से 70 से 75 लाख की ठगी करने वाले दो शातिर आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र और अन्य दस्तावेज और लैपटॉप साहित 15 लाख 55 हजार रुपये बरामद किया गया है।आरोपियो ने अपने आप को पुलिस महकमे और हाइकोर्ट में अच्छी पहचान होने का दावा कर लोगो से पैसे ऐंठे थे। फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र दिए जाने के बाद उनकी पोल खुल गयी और सकरी थाने में मामला दर्ज हो गया।
सकरी थाना में हाइकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर दर्ज ठगी के मामला के पुलिस ने यशवंत सोनवानी पिता संतोष सेानवानी उम्र 23 वर्ष सा. ग्राम पोंछ थाना बलौदा जिला जांजगीर-चाम्पा हाल मु. रामा लाईफ सिटी मकान नम्बर डी-57 थाना सकरी। आशुतोष मिरी उर्फ सोनू पिता संतोष मिरी उम्र 22 वर्ष सा. गणेश नगर चुचुहियापारा थाना सिरगिट्टी जिला बिलासपुर को गिरफ्तार किया है।शातिर आरोपियों ने लोगों से ठगी करने लिए हाइकोर्ट में।निकाले गए सहायक ग्रेड 2 और 3 के कॉपी वेबसाइट से निकाल लिया था। इसी विज्ञापन के आधार पर वे लोगो को हाइकोर्ट में अपनी अच्छी पकड़ और पहचान होने का हवाला देकर नौकरी लगाने का लालच दिया और लगभग 20 से अधिक लोगो से 70 से 75 लाख ले लिए ।इसके बाद उन्होंने हाइकोर्ट के कार्मिक अधिकारी की फ़र्ज़ी सील मुहर बनाकर और हाइकोर्ट की ही वेबसाइट से पुराना नियुक्ति आदेश कॉपी कर उसी तरह का आदेश बनाकर लोगो को दे दिया ।जब प्रार्थी नियुक्ति आदेश लेकर जॉइन करने पहुंचे तो पता चला कि आदेश फर्जी है।तब राजा खंड सहित 12 लोग सकरी थाने पहुंचे और दोनों आरोपियों के विरुद्ध ठगी का मामला दर्ज कराया।ठगी के बड़े मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस अलर्ट हो गयी और साइबर सेल को आरोपियों के लोकेशन ट्रेस करने के लिए लगा दिया गया।महज 24 घंटे के अंदर आरोपी यशवंत सोनवानी की लोकेशन राजनांदगांव में मिली।एक टीम बनाकर यशवंत को पकड़ने पुलिस राजनांदगांव गयी वहाँ से पकड़कर ले आयी। पूछताछ में उसने आशुतोष मिरी का नाम भी बताया जिसे बिलासपुर चुचुहियापारा के उसके घर से गिरफ्तार किया गया ।
पूरी कहानी यशवंत की जुबानी
आरोपी यशवंत सोनवानी द्वारा बताया गया कि उसने हाई कोर्ट वेबसाईट में जाकर सर्च कर रहा था तब मुझे पता चला कि छत्तीसगढ हाईकोर्ट बिलासपुर में सहायक ग्रेड 2 व 3 आफिस बाबू पद हेतु भर्ती निकली थी जो उक्त भर्ती केंसिल हो गयी थी जो उक्त भर्ती की विज्ञप्ति हाईकोर्ट वेबसाईट से डाॅउनलोड कर प्रिंट कर मै उक्त भर्ती कराने के नाम पर लोगो से पैसा कमाने की योजना अपने दोस्त आशुतोष मिरी के साथ बनाया और सबसे पहले मै हाईकोर्ट छत्तीसगढ बिलासपुर के वेबसाईट से उक्त आदेश की काॅपी अपने लैपटाॅप प्रिंटर से प्रिंट करने के बाद रामालाईफ सिटी सकरी में गार्ड, ईलेक्ट्रीश्यन की नौकरी करने वाले राजा खाण्डे एवं अजय खाण्डे को हाईकोर्ट बिलासपुर में पुलिस सब इन्सपेक्टर के पद पर कार्यरत हुॅ बताकर अपना फर्जी आई. कार्ड दिखाकर उन्हे हाईकोर्ट में सहायक ग्रेड 2 व 3 आॅफिस बाबू में भर्ती कराने का झांसा देकर उनसे ढाई लाख रूपये नगदी व फोन-पे, अकांउट पे के माध्यम से लिया।इसी तरह अन्य लोगो से भी लाखों रुपये ठगे गए।आरोपीगण पीडित लोगो को हाईकोर्ट के बाहर ले जाकर और वहाॅ पर आशुतोष मिरी को हाईकोर्ट का बाबू है कहकर पहचान कराते थे आरोपी आशुतोष मिरी उन्हे उच्च न्यायालय के बाहर से मिलाता था एवं रूको कहकर कुछ देर में फर्जी नियुक्ति आदेश पत्र लाकर देता था।आरोपी यशवंत ने बताया कि छत्तीसगढ हाईकोर्ट बिलासपुर के वेबसाईट में जाकर अपने लैपटाॅप व मोबाईल फोन मे छत्तीसगढ हाईकोर्ट का नियुक्ति आदेश का पी.डी.एफ. डाॅउनलोड कर पी.डी.एफ. को वर्ड फाईल में कन्वर्ट कर एडिट कर नाम बदल कर सभी को अलग अलग छत्तीसगढ हाईकोर्ट बिलासपुर का फर्जी नियुक्ति आदेश फर्जी सील तैयार कर उच्च न्यायालय के अधिकारियों के आदेश का हस्ताक्षर स्कैन कर एवं अपने हेण्डराईटिंग से नियुक्ति पत्र तैयार कर फर्जी सील लगाकर दिया था ।जब उक्त लोगो का नौकरी ज्वाईन नही हुआ तो वे सभी अपने-अपने पैसे की मांगने लगे तो मै अपना मोबाईल बंद कर बिलासपुर से भागकर इधर-उधर लूक-छिप रहा था। मेरे द्वारा उपरोक्त सभी लोगो को योजना बनाकर धोखाधडी कर कुछ रकम फोन पे में कुछ रकम अपने बैंक खाते में एवं बाकी रकम नगद प्राप्त किया हुॅ जो कुल लगभग 70 से 75 लाख रूपये है।
यह हुआ बरामद
आरोपी यशवंत सोनवानी से फर्जी तरिके से तैयार नियुक्ति आदेश पत्र, दस्तावेज, फर्जी परिचय पत्र, नकली सील मूहर, दस्तावेज तैयार हेतु प्रयुक्त लैपटाॅप एवं सैमसंग मोबाईल नगदी रकम लगभग 15 लाख रूपये एवं आरोपी आशुतोष मिरी से 55 हजार रूपये नगद बरामद किया गया है।