स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही, कोरोना जांच के बाद स्वाब ट्यूब के टुकड़े छोड़े आंगनबाड़ी के दरवाजे पर।

तख़तपुर

गोविंद सिंगरौल –

कोरोना टेस्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है।ग्राम पंचायत मोछ के आंगनबाड़ी केंद्र में 28 नवंबर को किये गए कोरोना टेस्ट कैम्प के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने अपना वेस्ट मटेरियल जैसे स्वाब ट्यूब, ग्लब्स, मास्क, किट के रैपर को आंगनबाड़ी के दरवाजे पर ही बिखरा हुआ छोड़कर चले गए थे।इसके अलावा एक अन्य जगह भी इसी तरह की लापरवाही की गई थी।वहां भी मेडी वेस्ट को जलाया गया था लेकिन वह ठीक से जला या नही इस बात को नजर अंदाज कर दिया गया था।वही हाथों में पहने गए गए ग्लब्स को भी इधर उधर फेक दिया गया था।


तख़तपुर क्षेत्र ग्राम पंचायत मोछ के आंगनबाड़ी केंद्र में 28 नवंबर को कोरोना टेस्ट किये गए।सुबह साढ़े दस बजे से शुरू किए गए कोरोना टेस्ट कैम्प शाम 5 बजे तक जारी रहा।स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी वहां कोरोना टेस्ट करते रहे और स्वाब ट्यूब के टुकड़े इधर उधर बिखेरते रहे। जाने से पहले उसे निर्धारित गाइड लाइन के अनुसार डिस्पोज़ नही किया ।तीन दिन छुट्टी पड़ने के कारण स्वाब ट्यूब,ग्लब्स, और अन्य मटेरियल वही बिखरे रहे ।मंगलवार को जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सोनिया भारद्वाज रेडी टू ईट वितरण करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची तो कोरोना टेस्ट के स्वाब ट्यूब के टुकड़े ,ग्लब्स, डिस्पोजल,रैपर आदि आंगनबाड़ी के दरवाजे के पास बिखरे हुए देखा ,तो वह कोरोना के डर से घबरा गयी।इसकी सूचना सरपंच और ग्राम के अन्य जान प्रतिनिधियों को दी।साथ ही अपने विभाग के अधिकारियों को भी सूचित किया।सभी ने उसे स्वास्घ्य विभाग के कर्मचारियों को सूचना देने के लिए कहा।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इसकी सूचना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. रवि पटेल को दी।रवि पटेल अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए गाँव की मितानिन को बोलकर उसे इकट्ठा कर जलाने का निर्देश दे दिया।लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र जाकर पूर्व में की गई लापरवाही को सुधारने का प्रयास भी नही किया।यह भी नही देखा कि मितानिन उन अवशेषों को किस तरह से डिस्पोज कर रही है। जबकि मितानिनों को इस तरह के सामानों को डिस्पोज़ करने का कोई प्रशिक्षण नही दिया जाता है।उसके बावजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी द्वारा उसे अपनी गलती पर पर्दा डालने की जिम्मेदारी दे दी गयी।

आँगबनबाड़ी के पास दिन भर खेलते है बच्चे


जिस आंगनबाड़ी के दरवाजे पर स्वाब ट्यूब के टुकड़े फेंके गए थे ।उस आंगनबाड़ी में और उसके आसपास छोटे छोटे बच्चे दिन भर खेलते रहते है।बच्चो की सुरक्षा के लिए ही शासन ने आठ महीनों से स्कूल बंद रखे हुए है।लेकिन इस आंगनबाड़ी केंद्र के पास खेलते बच्चे स्वाथ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण कोरोना संक्रमित हो सकते है।लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी को इस बात से क्या मतलब उससे जब इस विषय मे बात की गई तो उनके द्वारा दूसरे ही दिन यानी रविवार को ही उसे उठवाकर डिस्पोज़ कराने का झूठ कहा गया और गोलमोल जवाब दिया गया।

स्वाब ट्यूब क्या है?


स्वाब ट्यूब नाक और मुंह के डालकर स्वाब निकालने,और उसका एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला ट्यूब है।इसका एक हिस्सा जांच के लिए चला जाता है।जबकि दूसरा आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से निपटान किया जाता है।लेकिन मोछ कैम्प में जांच करने गए स्वास्घ्य कर्मियों ने शासन के इस गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाते हुए लापरवाही की कोई कसर नही छोड़ी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सोनिया बाला ने बताया कि


28 नवंबर शनिवार को आंगनबाड़ी केन्द्र में कोरोना टेस्ट रखा गया था।लेकिन स्वास्घ्य विभाग के लोगो ने लापरवाही करते हुए,उसके सामान दरवाजे पर ही छोड़ कर चले गए थे।मंगलवार को जब रेडी टू ईट वितरण करने आई तो सब दरवाजे के पास बिखरे थे।सूचना पर मितानिन को भेजा गया और उसने साफ कर यही पंर जला दिया जो ठीक से जला भी नही है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोछ प्रभारी रवि पटेल का कहना था कि


कोरोना टेस्ट के लिए प्रयोग किये जाने वाले स्वाब ट्यूब के बचे हुए टुकड़े दिन ढल जाने के कारण दिखाई नही दिये ।दूसरे दिन उसे उठवाकर जला दिया गया था।लापरवाही जैसी कोई बात नही थी।

बीएमओ निखिलेश गुप्ता का कहना है

मैं स्वयम जाकर जांच करता हूँ और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

सीएचएमओ प्रमोद महाजन का कहना है कि

जांच कराता हूँ।लापरवाही पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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