शासन कर रहा कार्यवाही का ढकोसला,ग्रामीण कर रहे राशन दुकानों की लगातार शिकायत।

मुंगेली

महेश कश्यप –

मुंगेली जिले में राशन दुकान संचालकों को मनमानी की छूट अधिकारियों द्वारा मिली हुई है।इस बात प्रमाण मोहतरा कुर्मी और फरहदा गाँव के राशन दुकान संचालकों की शिकायत पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही है।जिसमे दोनो जगह के राशन दुकान संचालकों को अभयदान दे दिया गया है।इस बात से ग्रामीणों में बड़ी नाराजगी है और गर्मिन अब राशन दुकान संचालकों को हटाने के लिए आंदोलन करने की तैयारी में है।

मुंगेली जिले के राशन दुकान संचालकों को भ्रष्टाचार करने और आमजनता के हक पर हाथ साफ करने की खुली छूट खाद्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दे दी गयी है।यही कारण है कि या तो ग्रामीणों की शिमायत पर कोई कार्यवाही नही होती या फिर कार्यवाही के नाम पर महज दिखावा करके दोष सिद्ध होने के बाद भी अभयदान दे दिया जाता है।मामला मुंगेली जिले के मोहतरा कुर्मी और फरहदा के शासकीय उचित मूल्य दुकान का है।इन ग्राम पंचायतों के हितग्राहियों ने पिछले दिनों राशन दुकान संचालित करने वाली स्व.सहायता समूह और राशन वितरण करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध मुंगेली में खाद्य विभाग और कलेक्टोरेट में शिकायत की थी।मामले में जांच का दिखावा भी किया गया।और फरहदा के राशन दुकान संचालक को मात्र नोटिस दिया गया।जबकि वही मोहतरा कुर्मी के राशन दुकान में गड़बड़ी पाए जाने के कारण राशन दुकान करने वाले समूह को निलंबित भी किया गया।मगर महज तीन दिनों में ही उसी समूह को फिर से राशन दुकान संचालन का कार्य दे दिया गया।इससे शिकायत की कार्यवाही संतुष्ट हुए ग्रामीण फिर से अपने को ठगा हुआ महसूस करने लगे।एक तरफ राशन का नही मिलना दूसरी ओर प्रशासन का ऐसा मजाकिया रवैया ।इससे ग्रामीणों में रोष भरता जा रहा है।मगर मोहतरा कुर्मी के ग्रामीणों ने एक बार फिर से राशन दुकान संचालित करने वाली जय माँ दुर्गा सहायता समूह और वितरक के विरुद्ध कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी को शिकायत पत्र सौंपा है।इसमे बताया गया है कि माह जुलाई,अगस्त का अतिरिक्त राशन नही दिया गया है।साथ ही कई लोगो को तो राशन ही नही दिया गया है,मगर आबंटन प्राप्त करने वालो की सूची में उनका नाम दर्ज है।इसी तरह मृत या गाँव से बाहर गए हुए व्यक्तियों के नाम पर जारी राशन कार्ड में भी राशन का उठाया किया गया है।

शिकायत पर जांच करने आने वाले अधिकारी राशन दुकान संचालक के घर बैठकर चले जाते है।जांच के नाम पर केवल उन्ही व्यक्तियों के बयान लिखे जाते है,जिन्हें समूह के संचालक बुलाते है।जिनकी शिकायत पर जांच किया जा रहा होता है उन्हें बुलाया ही नही जाता और शिकायतकर्ता को जांच अधिकारी के आने जाने और जांच हो जाने का पता ही नही चलता है।

सहायता समूह के अंतर्गत राशन वित्तरण का काम करने वाली गाँव के ही आंगनबाड़ी में कार्यकर्त्ता है।लेकिन वह आंगनबाड़ी में किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा कार्य करवाती है। सितंबर माह के राशन लेने वालों के राशन कार्ड में चुपके से अगस्त माह के अतिरिक्त राशन की भी एंट्री की जा रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जय माँ दुर्गा स्व सहाय को राशन दुकान के संचालन से हटाकर किसी अन्य समूह से राशन दुकान का संचालन कराया जाए।शिकायत का निराकरण नही होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गयी है।

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