तख़तपुर
ब्यूरो – तख़तपुर के गौ सेवकों ने एक बार फिर अपनी सेवा और समर्पण का परिचय देते हुए गड्ढे में फंसी एक गाय को बाहर निकाल कर उसकी जान बचाई।इसके बाद उसका उपचार कराया।गौ मालिक का पता लगाकर उसे गाय की सेवा और घर मे देखभाल करने की समझाइश दी।

संकट में फंसी गौ वंशियो की सेवा और सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले गौ सेवकों ने एक बार फिर गड्ढे में गिरी हुई गाय को बाहर निकाला और उसका इलाज कराकर गौ मालिक को समझाइश के साथ सौंप दिया।प्राप्त जानकारी के अनुसार
तखतपुर वार्ड क्रमांक 01 चुलघट रोड पर एक वृद्ध कामजोर गाय रातः के अंधेरे में गड्ढे में गिर गयी थी,जो कि बहुत ही तकलीफ में थी। गड्ढे में गिरी गाय को आज स्थानीय लोगों ने देखा और गौ सेवा टीम हिंदू युवा मंच तखतपुर को सूचित किया।गाय के गड्ढे में गिरे होने की जानकारी मिलते ही तत्काल गौ सेवा टीम पहुंच गई और गाय को गड्ढे से सुरक्षित बाहर निकाला।गड्ढे में गिरने से गाय को चोट लगी थी। इसके कारण गाय को बुखार था। डॉक्टर को बुला कर उसका इलाज कराया गया। तत्पश्चात गौ मालिक को ढूंढ कर लाया गया। गाय पालक राजू यादव को गौ सेवा टीम ने समझाइश दिया घर में गाय को रखने और सेवा करने की हिदायत दी। गौ मालिक इस बात से सहमत होकर गाय को अपने घर ले गया। गौ सेवा टीम के सदस्य कोमल ठाकुर ने बताया कि मालिक दूध देते तक अपने घरों में रखते है फिर उसे खुला छोड़ देते है।इसके कारण वे इधर उधर घूमती रहती है और दुर्घटनाओं का शिकार होती रहती है। ऐसी संकटग्रस्त गौवंशियो को गौ सेवा टीम पहुंचकर गौ की सेवा के लिए हर संभव आगे रहती हैं ।गौ सेवक निस्वार्थ भाव से अपने ही पैसे से गाय की सेवा करते है। शासन की कई योजनाएं आती है जिसमें गायों की बात होती है गौठान की बात होती है पर वास्तविकता में धरातल पर देखें तो गौ वंशी पशु सुरक्षित नही हैं। पशु चिकित्सालय के द्वारा उनके लिए न तो दवाई मिलती है और न ही गायों का सही ढंग से इलाज होता है।सरकार सिर्फ होर्डिंग बोर्ड,कागजी कार्यवाही तक सीमित है ।गौ सेवा कैसे की जाती है। गौ सेवा टीम से सीखा जा सकता है।उन्होंने बताया कि हम सम्मान के भूखे नहीं है गौमाता राष्ट्रमाता घोषित हो जाए उस दिन हमारा सम्मान हो जाएगा ।
