सभापति चुनाव में ब्लॉक अध्यक्ष की बधाई सदस्यों को पसंद नही आई।

कोटा

हरीश चौबे – राजनीतिक पार्टियों में किसी कार्य का श्रेय लेने में कोई बुराई नही, मगर अजीब स्थिति उस समय बन जाती है जब अपनी ही पार्टी के लोग विरोध।में आ जाये और शीर्ष नेतृत्व से शिकायत की बात करने लगे। ऐसा ही कुछ कोटा जनपद पंचायत के सभापति चुनाव के बाद हुआ है, जहाँ चार में से तीन सभापति काँग्रेस समर्थित चुने गए और ब्लॉक अध्यक्ष का बधाई संदेश उनके बीच श्रेय लेने का संदेश छोड़ गया।इससे नाराज जनपद सदस्यों ने इसमे किसी राजनीतिक हस्तक्षेप की भूमिका से इनकार करते हुए आपसी सहमति से चुनाव होना बताया और ब्लॉक अध्यक्ष के झूठे श्रेय लेने की शिकायत जिला और प्रदेश नेतृत्व से करने की बात कही।

मामला कोटा जनपद क्षेत्र का है,जहाँ जनपद पंचायत में विभिन्न समितियों का सभापति का चुनाव होना था। इसमे चार में से तीन सभापति कांग्रेस समर्थित जनपद सदस्य चुने गए ।इस बात का बधाई संदेश ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष आदित्य दीक्षित ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक और व्हाट्सअप से डाला ।उनके इस बधाई संदेश का असर जनपद सदस्यों पर उल्टा हो गया और वे इसे श्रेय लेने की राजनीति समझने लगे। इस बात से गुस्साए जनपद सदस्यों ने सभापति चुनाव में किसी राजनीतिक भूमिका को नकारते हुए सभी सदस्यों के द्वारा आपसी सहमति से लिया गया निर्णय बताया।इसके पीछे की वजह सभी 25जनपद सदस्यों में से 16 से 18 सदस्यों के द्वारा विकास कार्यों को सही ढंग से गति देने के उद्देश्य से स्वाभिमान एकता मंच बनाया जाना है ।इसमे पार्टी की विचारधारा को दूर रखा गया है। लेकिन ब्लॉक अध्यक्ष के बधाई संदेश को स्वाभिमान एकता मंच की एकता पर प्रहार समझते हुए फौरन बयान जारी किया गया । प्रभात पांडेय जनपद सदस्य का कहना है कि सभापति का चुनाव दलगत राजनीति से हटकर सभी सदस्यों के द्वारा निर्णय लेकर हुआ है।बाबा कश्यप जनपद सदस्य कोटा ब्लॉक अध्यक्ष का यह कहना गलत है कि मेरे द्वारा सभापति का चुनाव कराया गया है और कांग्रेसी 3 सभापति चुनकर आए हैं सोशल मीडिया पर झूठा प्रचार प्रसार किया गया है जो गलत है आगे कांग्रेस के आलाकमान को शिकायत की जाएगी।जनपद सदस्य प्रतिनिधि धर्मेंद्र देवांगन का कहना है कि जो कोटा नगर पंचायत को नहीं जीता पाए वह कोटा जनपद में आकर राजनीति ना करें ।वाहवाही लेने के लिए सोशल मीडिया पर ना डालें ऐसा करने से कांग्रेस के हाईकमान से शिकायत की जाएगी।

कांग्रेसी जनपद सदस्यों ने यह भी कहा कि लोकसभा,विधानसभा और नगर पंचायत चुनावों में हारने के बाद जनपद सभापति के चुनाव का जबरन श्रेय लेने का काम ब्लॉक अध्यक्ष के द्वारा किया जा रहा है ।ज्ञातव्य है कि नगर पंचायत चुनाव में कांग्रेसियों के आपसी मतभेद के कारण क्रास वोटिंग भी हुई थी,जिसकी शिकायत भी की गई थी उसके बाद भी कांग्रेसी आलाकमान के द्वारा कांग्रेस में कोई भी सर्जरी नहीं की गई। विधानसभा चुनाव में कुछ कांग्रेसी कोटा को छोड़कर बिलासपुर विधानसभा में ज्यादा सक्रिय रहे, जबकि कोटा विधानसभा चुनाव में कोटा में रहकर कार्य करना था ।कांग्रेसियों के आपसी गुटबाजी होने की वजह से कोटा कांग्रेस का अभेद्य किला ध्वस्त हो गया।

इस विषय मे कोटा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष आदित्य दीक्षित का कहना है कि

यदि काँग्रेस समर्थित जनपद सदस्य सभापति बनकर आये है तो उन्हें बधाई देने में क्या बुराई है।मैने यह बधाई संदेश श्रेय लेने के लिए नही डाला। यदि किसी कांग्रेसी जनपद सदस्य को आपत्ति है तो लिखकर दे दें कि वे कांग्रेस के कार्यकर्ता नही है।रही शिकायत की बात तो यह उनका अधिकार है।जब मुझसे जवाब मांगा जाएगा मैं अपना पक्ष आलाकमान के सामने रख दूंगा। लेकिन प्रश्न तो उनसे भी होगा कि क्या वे काँग्रेस कार्यकर्ता नही है।

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