मुंगेली
ब्यूरो- बीमार लोगों को खाट पर ले जाते तो जंगली और दुर्गम इलाको में आये दिन देखने सुनने को मिलता है।मगर जिस गाँव मे जिला पंचायत कार्यालय हो और जहां से कलेक्टर कार्यालय महज पांच किलोमीटर की दूरी पर हो। वहाँ यदि बीमार को इलाज के लिए ले जाने खाट का सहारा लेना पड़े तो क्या कहेंगे? मुंगेली जिला के धरमपुरा गाँव के नहर पारा के लोगो को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।इस मोहल्ले के निवासी वर्षों से सड़क निर्माण की बाट देख रहे है।मगर यह आज तक नही बनी है।बरसात में उन्हें नरकीय जीवन जीना मजबूरी बन गया है।

यह वीडियो अपने आप मे सारी कहानी कह रहा है।जिस गाँव मे जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोज आ रहे हो। जिस गाँव से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर कलेक्टर महोदय रोज अफसरों की क्लास ले रहे हो।वहॉं के लोग एक अदद सड़क के लिए वर्षो से तरस रहे है।यदि कोई बीमार हो जाये तो पहले तो मिन्नतें कर मोहल्ले वालों को मनाओ फिर इस तरह खाट पर उठाकर मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है।अफसर रोज गाँव आ रहे हैं मगर लोगो की इस परेशानी की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।अफसरों यदि अपने एसी आफिस और कार से बाहर देखते तो उन्हें यह जरूर दिखता।जिस ग्राम पंचायत में जिला पंचायत कार्यालय हो उसी का यह हाल है,तो सुदूर क्षेत्र के ग्रामीण विकास की कल्पना सहज ही किया जा सकता है।
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