बिलासपुर
ब्यूरो- एक तरफ अयोध्या में श्री रामजन्म भूमि क्षेत्र पर्यटन और श्रद्धा का केंद्र होगा तो दूसरी ओर उनका ननिहाल छतीसगढ़ का हर वह स्थान जहाँ से वे गुजरे हैं भी उतना ही रमणीय होगा।यह बात संसदीय सचिव और तख़तपुर क्षेत्र की विधायक रश्मि आशिष सिंह ने श्री राम जन्मभूमि में मंदीर शिलान्यास के अवसर पर बधाई देते हुए कही।उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ को राम का ननिहाल माना जाता है।अपने वन गमन के समय श्रीराम जी छत्तीसगढ़ के उत्तर से दक्षिण तक जिन-जिन स्थानों से गुजरे और ठहरे है ,उन स्थानों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा ।यही नही उनकी माता कौशल्या के मंदीर को मूल स्थिति में बनाये रखते हुये आसपास के क्षेत्र को श्रद्धा और पर्यटन के क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
तखपुर क्षेत्र की विधायक और संसदीय सचिव रश्मि आशिष सिंह कल तख़तपुर में अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदीर भूमि पूजन के अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रम में शामिल हुई और लोगो को बधाई और शुभकामनाएं दी।छोटे राम-जानकी मंदिर में उन्होंने श्रीराम जी की पूजा अर्चना और कीर्तन मंडली के साथ कीर्तन किया।इसके अलावा बेलसरी के महामाया मंदीर में भी पूजा आरती में सम्मिलित हुई अलावा अन्य स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित होकर सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी।
क्या है श्री राम वन गमन पथ योजना?
प्रभु श्रीराम जब अपने चौदह वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या से निकले तो वे छत्तीसगढ़ के कोरिया से सुकमा तक विभिन्न स्थानों से गुजरे।वे जिस मार्ग से और जिन जिन स्थानों से रुकते गए वह पूरा मार्ग श्रीराम वन गमन पथ कहलाता है।इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है।कोरिया से सुकमा तक निर्मित होने वाले और 137 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत वाला राम वन गमन पथ कदम-कदम पर राम-मय होगा। छत्तीसगढ़ शासन ने जो कार्ययोजना तैयार की है, उसमें तीर्थ एवं पर्यटनों स्थलों के द्वार से लेकर लैंप-पोस्ट और बैंच तक के सौंदर्यीकरण का विशेष ध्यान रखा गया है। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को राम वन गमन पथ की यात्रा के दौरान पग-पग पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे। राम वन गमन पथ के मुख्य मार्ग सहित उप मार्गाें की कुल लम्बाई लगभग 2260 किलोमीटर है। इस मार्ग के किनारे जगह-जगह संकेतक तीर्थ स्थलों एवं पर्यटनों की जानकारी सहित भगवान श्रीराम के वनवास से जुड़ी कथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी। वन गमन पथ के दोनों ओर विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण भी किया जा रहा है, ताकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के दिलों दिमाग में प्रभु श्रीराम के वनवास का अहसास बना रहे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता वाली राम वन गमन परियोजना का कान्सेप्ट प्लान तैयार हो चुका है। इसकी शुरुआत रायपुर के निकट स्थित चंदखुरी से होगी। चंदखुरी भगवान राम का ननिहाल है। यहां माता कौशल्या का प्राचीन मंदिर है, जो सातवीं शताब्दी का है। माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण तथा विकास के लिए 15 करोड़ 45 लाख रुपये की योजना तैयार की गई है।
आज की पूजा आरती के अवसर पर
जितेंद पांडेय, पुष्पा श्रीवास, मुन्ना श्रीवास,परमित बग्गा ,अभिषेक पांडेय, शिवबालक कौशिक, बसंत गुप्ता, घनश्याम शिवहरे, बिरझे राम सिंगरौल,शिवनाथ देवांगन, चंद्रप्रकाश देवांगन,कैलाश देवांगन, घनश्याम जांगड़े, लक्ष्मी यादव, परमजीत कौर , अनुपमा पांडेय, विमला जांगड़े, सुनील आहूजा बंटू हूरा, मोहित सिंह ठाकुर सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।