बिलासपुर
ब्यूरो-(दिल्ली) कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सैनिटाइजेशन की आवश्यकता को देखते हुए डीआरडीओ ने एक मशीन तैयार किया है जो अल्ट्रावायलेट किरणों के द्वारा किसी भी स्थान का सैनिटाइजेशन कर सकेगा।डीआरडीओ ने इसका नाम ‘युवी ब्लास्टर’ दिया है। इसमें कृत्रिम रूप से उत्सर्जित अल्ट्रावायलेट सी किरणों का प्रयोग किया जाएगा।
![](https://mishrakimirchi.com/wp-content/uploads/2020/05/IMG_20200505_080015-525x1024.jpg)
वर्तमान समय मे कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी सार्वजनिक स्थानों का संक्रमण मुक्त होना आवश्यक है।सभी शासकीय कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों को सरकार केमीकली सैनिटाइज करा रही है।लेकिन इसमें खर्चा,समय और मेहनत सभी ज्यादा लग रहा है।फिर भी शत-प्रतिशत सैनिटाइजेशन नहीं हो पा रहा है ।इसे देखते हुए डीआरडीओ ने ऐसी मशीन बनाया है,जो पराबैगनी किरणों के द्वारा कम समय में और रसायन रहित शत-प्रतिशत सैनिटाइजेशन करेगा। लेजर तकनीक पर आधारित मशीन से निकली अल्ट्रावायलेट किरणों के द्वारा किसी भी ऑफिस मॉल या सार्वजनिक स्थल का सैनिटाइजेशन बहुत ही कम समय और कम खर्चे में हो जाएगा। साथ ही रसायनों के कारण होने वाले नुकसान से भी सुरक्षा मिलेगी। डीआरडीओ की दिल्ली स्थित लेजर साइंस टेक्नोलॉजी विभाग ने न्यू ऐज इंस्टूमेंट एंड मटेरियल गुरुग्राम की सहायता से इसका निर्माण किया है और इसका नाम ‘यूवी ब्लास्टर’ दिया है ।इसमें कृत्रिम रूप से उत्सर्जित अल्ट्रावायलेट सी किरणों का प्रयोग किया जाएगा। इस मशीन से किसी कार्यालय भवन के कोने-कोने का सैनिटाइजेशन आसानी से कम समय में हो जाएगा। वर्तमान में केमिकल सैनिटाइजेशन में केमिकल की पहुंच जहां तक होगी वह स्थान ही सेनीटाइज हो पाएंगे ।किंतु ‘युवी ब्लास्टर’ के द्वारा किसी भवन के एक-एक बिंदु तक सैनिटाइजर हो सकेगा।इसके अलावा ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिनकी सतह को रसायन के द्वारा सैनिटाइज नहीं किया जा सकता,का भी इस मशीन केे द्वारा सैनिटाइजेशन किया जा सकेगा।
सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से इसे वाई फाई के माध्यम से संचालित किया जा सकता है।यदि कोई इसके सामने आ जाये तो यह तुरंत बंद हो जाएगा।इस तरह युवी किरणों से होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा।