बिलासपुर
ब्यूरो- बिलासपुर हाइकोर्ट ने लॉक डाउन में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई कमिटी को भंग करते हुए।राज्य शासन को शराब बिक्री के लिए लॉक डाउन की नई अधिसूचना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार निर्णय लेने के लिए कहा है।
बिलासपुर हाइकोर्ट ने आज रिट याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार द्वारा शराब बिक्री के लिए गठित समिति को भंग करते हुए राज्य सरकार को नए सिरे से निर्णय लेने के लिए कहा है।इसमे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन और केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों सहित लॉक डाउन के नए नोटिफिकेशन के ध्यान में रखने की बात कही है।अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से रायपुर निवासी ममता शर्मा ने हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था।याचिकाकर्ता के वकील रोहित शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के आबकारी विभाग द्वारा 2 अप्रैल 2020 के आदेश से गठित कमिटी और सरकार द्वारा लॉक डाउन के समय शराब दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री, राष्टीय आपदा प्रबंधन 2005 और केंद्रीय गृह सचिव के निर्देशों का उलंघन है।और कहा कि केंद्रीय अधिसूचना में केवल अतिआवश्यक वस्तुओं के विक्रय के निर्देश दिये थे जबकि शराब उस सूची में नही था।इसलिए 21 दिन के लॉक डाउन की अवधि तक राज्य सरकार द्वारा शराब का विक्रय अवैधानिक है।
याचिका पर सुनवाई करते न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा और न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की खंड पीठ के सामने शासन के महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कॉर्पोरेशन द्वारा दिनांक 2 अप्रैल को जारी आदेश जिसमे विक्रय की संभावनाओं के लिए कमिटी गठित की गई थी। राज्य सरकार द्वारा जारी 7 अप्रैल के आदेश जिसमे शराब विक्रय पर प्रतिबंध को 14 अप्रैल तक बढ़ाया गया था के बाद स्वतः ही निरस्त हो जाता है।इस पर न्यायाधीषद्वय ने राज्य सरकार को पुनः लॉक डाउन के नई अधिसूचना के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन और केंद्रीय गृह सचिव के निर्देशों के अनुसार आदेश जारी करने के लिए स्वतंत्र किया है।वही यदि याचिकाकर्ता को शासन के आदेश में कोई आपत्ति हो तो फिर से याचिका लगा सकते है।इस तरह याचिका को निराकृत कर दिया।