केंद्रीय कृषिमंत्री ने लांच की सुविधाएं, किसानों को होगा फायदा

नई दिल्ली

ब्यूरो

दिल्ली-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफ़ॉर्म की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरूवार को तीन नई सुविधाएं लांच की। इससे किसानों को अपनी कटी उपज बेचने के लिए खुद थोक मंडियों में आने की जरूरत कम हो जाएगी। वे उपज वेयरहाउस में रखकर वहीं से बेच सकेंगे। कोरोना वाय़रस के संक्रमण के इस दौर में इसकी महत्वपूर्ण आवश्यकता है। साथ ही एफपीओ अपने संग्रह से उत्पाद को लाए बिना व्यापार कर सकते हैं व लॉजिस्टिक मॉड्यूल के नए संस्करण को भी जारी किया गया है, जिससे देशभर के पौने चार लाख ट्रक जुड़ सकेंगे।

The Union Minister for Rural Development, Panchayati Raj, Drinking Water & Sanitation and Urban Development, Shri Narendra Singh Tomar addressing at the launch of the Swachh Sarvekshan (Gramin)- 2017, in New Delhi on August 08, 2017.

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर द्वारा लांच किए गए तीन सॉफ्टवेयर मॉड्यूल हैं (i) ई-नाम में गोदामों से व्यापार की सुविधा के लिए वेयरहाउस आधारित ट्रेडिंग मॉड्यूल (ii) एफपीओ का ट्रेडिंग मॉड्यूल, जहां एफपीओ अपने संग्रह से उत्पाद को लाए बिना व्यापार कर सकते हैं (iii) इस जंक्शन पर अंतर-मंडी तथा अंतरराज्यीय व्यापार की सुविधा के साथ लॉजिस्टिक मॉड्यूल का नया संस्करण, जिससे पौने चार लाख ट्रक जुड़े रहेंगे। परिवहन के इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपयोगकर्ताओं तक कृषि उपज सुविधापूर्वक शीघ्रता से पहुंचाई जा सकेगी। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में ई-नाम पोर्टल 14 अप्रैल 2016 को प्रारंभ किया गया था, जो अब तक काफी अपडेट कर सुविधाजनक किया जा चुका है। पहले से ही 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 585 मंडियों को e – NAM पोर्टल पर एकीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त 415 मंडियों को भी ई-नाम से जल्द ही जोड़ा जाएगा, जिससे इस पोर्टल पर मंडियों की कुल संख्या एक हजार हो जाएगी। ई-नाम पर इन सुविधाओं के कारण किसानों, व्यापारियों व अन्य को मंडियों का चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी।
अभी के दौर में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए कामकाज करने में भी यह मददगार है। उन्होंने कहा कि ये नई सुविधाएं COVID – 19 के खिलाफ हमारी लड़ाई की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, ताकि इस समय किसानों को अपने खेतों के पास ही बेहतर कीमतों पर अपनी उपज बेचने में मदद की जा सके।
श्री तोमर ने कहा कि अनाज, फल और सब्जियों की आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में मंडियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नई सुविधाओं से छोटे और सीमांत किसानों को काफी सहूलियत होगी। वे अपनी उपज मान्यता प्राप्त गोदामों में रख पाएंगे, लॉजिस्टिक्स खर्चों को बचा सकेंगे और बेहतर आय अर्जित करते हुए देशभर में उपज को अच्छे तरीके से बेचकर खुद को परेशानी से बचा सकते हैं। मूल्य स्थिरीकरण समय और स्थान उपयोगिता के आधार पर किसान आपूर्ति और मांग की तुलना करते हुए फायदे में रहेंगे। एफपीओ को बोली के लिए अपने आधार/संग्रह केंद्रों से अपनी उपज अपलोड करने में सक्षम बनाया जा सकेगा। वे बोली लगाने से पहले उपज की कल्पना करने में मदद के लिए आधार केंद्रों से उपज और गुणवत्ता मापदंडों की तस्वीर अपलोड कर सकते हैं। एफपीओ के पास सफल बोली लगाने के बाद मंडी के आधार पर या अपने स्तर से उपज वितरण का विकल्प रहेगा। इन सबसे मंडियों में आवागमन कम होने से सभी को सुविधा होगी, परिवहन की लागत कम होगी। ऑनलाइन भुगतान की सुविधा मिलेगी।
श्री तोमर ने कहा कि मंडियों को किसानों व अन्य हितधारकों की सुरक्षा के लिए अत्यधिक स्वच्छता और सामाजिक दूरी बनाए रखने के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है। राज्यों को थोक खरीदारों/प्रोसेसर और बड़े खुदरा विक्रेताओं द्वारा प्रत्यक्ष खरीद की सुविधा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उन्हें मंडियों में कम से कम आना-जाना

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