लॉक डाउन में केंद्र सरकार का 1.70 लाख करोड़ का राहत पैकेज

रायपुर

ब्यूरो

दिल्ली-केंद्र सरकार ने कोरोना के कारण गरीबों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 1लाख 70 हजार करोड़ का राहत पैकेज का एलान किया है।इसमें गरीब वर्ग को मुफ़त अनाज,मुफ्त गैस, किसानों और महिलाओं के जन धन कहते में पैसे भी दिया जाएगा।वित्त मंत्री सीता रमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है।

कोरोना के कारण देश भर में जारी लॉक डाउन के बीच केंद्र सरकार ने गरीब वर्ग के बड़े राहत का एलान किया है।वित्तमंत्री सेवत रमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने 1.70 लाख करोड़ के राहत पैकेज का विवरण दिया।इस एलान से गरीब और देहाड़ी करने वालो को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।वित्त मंत्री ने कहा कि किसी को भी भूखा नही रहने दिया जाएगा।

मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाकर 187 से 202 रुपये कर दिया गया है।

गरीब लोगो को अगले तीन महीने तक 10 किलो अनाज फ्री दिया जाएगा। इसके तहत को 5 किलो अनाज अतिरिक्त (गेहूं/चावल)और एक किलो दाल मुफ्त दिया जाएगा।यह सहायता पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत दिया जाएगा।इससे 80 करोड़ गरीबो को फायदा मिलेगा।5 किलो अनाज पहले से मिलता था।

स्वयं सहायता समूहों को 20 लाख का बैंक लोन दिया जाएगा।पहले 10 लाख दिया जाता था।

कोरोना वारियर्स को 50 लाख का मेडिकल बीमा मिलेगा।20 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को मिलेगा फायदा।

पी एम किसान निधि की पहली किश्त किसानों के खाते में अप्रैल के पहले हफ्ते में आएगा।इसके तहत 2000 ट्रांसफर किया जाएगा।8.70 करोड़ किसानों को होगा फायदा।

उज्ज्वला योजना में दिए गए गैस कनेक्शन को तीन महीने तक मुफ्त गैस दिया जाएगा।8 करोड़ महिलाओं को होगा फायदा।

पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबो के खातों में पैसा दिया जाएगा

संगठित मजदूरों के तीन महीने के ईपीएफ का पैसा सरकार देगी।मजदूर तीन महीने के वेतन के बराबर पैसा ईपीएफ से निकल सकेंगे।100 से कम कर्मचारी संख्या और 90 प्रतिशत से अधिक 15000 से कम वेतन वाले कंपनियों के मजदूरों को होगा फायदा।साथ ही तीन महीने के वेतन के बराबर या 75 प्रतिशत पैसा ईपीएफ से निकाल सकते है।

महिलाओं के जनधन खाते में तीन महीने 500-500 रुपये ट्रांसफर किया जाएगा।

वृद्ध,विधवाओं और दिव्यांगों को अगले तीन महीनों तक 1000 अतरिक्त दिया जाएगा।इससे 3 करोड़ से ज्यादा विधवाओं और दिव्यांगों को फायदा होगा।

कंस्ट्रक्शन मजदूरों क्षेत्र में काम करने वाले रजिस्टर्ड 3.5 करोड़ मजदूरों को 31 हजार करोड़ का राहत पैकेज राज्य सरकारों से भी पैकेज बनाने को कहा।

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