17 जानवरी को ‘MISHRA KI MIRCHI’ ने प्रकशित की थी आदिवासी परिवार की खबर
प्रशासन ने जारी किया 10000 की सहायता राशि
अन्य लोग भी आ रहे मदद को
कोटा तहसीलदार ने खबर पर संज्ञान लेते हुए की कार्यवाही ।
कोटा
सूरज गुप्ता
MISHRA KI MIRCHI पर प्रकशित खबर पर संज्ञान लेते हुए हुए कोटा के तहसीलदार ने आदिवासी परिवार के बारिश से मकान टूटने के लिए प्रशासनिक सहायता राशि जारी कर दिया है।वैसे यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन रतिराम को यह सहायता तब मिल पाई,जब मीडिया और पोर्टल में उसकी खबर वायरल हुई। बता दें कि 17 जनवरी को हमारे पोर्टल ने आदिवासी परिवार रतिराम की खबर को
“आदुवासी परिवार ठंड में ठीठुरने मजबूर, प्रशासन खेल रहा देखा देखी का खेल “
शीर्षक से प्रकाशित किया था ।इसके बाद प्रशासन हरकत में आया।और आदिवासी परिवार को सहायता राशि जारी कर दिया है।
क्या है रतिराम की कहानी
हमने कोटा जनपद पंचायत के करवा ग्राम पंचायत में रहने वाले रतिराम और श्यामबाई बैगा की कहानी को प्रकाशित किया था । श्यामबाई और रतिराम बैगा दोनों करवा ग्राम पंचायत के कटेलीपारा में निवास करते हैं । छह माह पहले हुई बारिश ने रतिराम बैगा के कच्चे मकान को गिरा दिया था और उस दिन के बाद से रतिराम और श्याम बाई चंद लकड़ियों में पाॅलिथिन का घेरा बना कर रहने को मजबूर थे । सरकारी आवास के लिए कई बार इन्होंने पंचायत में बोला लेकिन आवास ऐसे ही तो बनते नहीं और बने भी नहीं । रतिराम और श्यामबाई इस कड़कड़ाती ठंड में पालिथिन की आड़ से सर्द हवाओं को रोकने की ं कोशिश करते रहे और रात गुजारते रहे। शसन से मिलने वाले पैंतीस किलो चांवल में से ये परिवार आधा चांवल खाने के लिए रखता और आधा बाजार में बेचकर अन्य वस्तुएं खरीद लेता ।
समाजसेवी और पत्रकारों ने की पहल
इस बात की जानकारी होने के बाद कोटा से प्रकाश होंडा के संचालक प्रकाश जयसवाल और दबंग न्यूज लाईव के एडिटर सूरज गुप्ता और बिलासपुर ब्यूरो विकास तिवारी के साथ पत्रकार रितेश गुप्ता एवं हेमा भावसागर करवा पहुंचे और रतिराम को गद्दे ,चादर ,स्वेटर के साथ ही एक माह का राशन दे आए । ये बहुत बड़ी मदद तो नहीं थी लेकिन रतिराम के लिए शायद बहुत बड़ी हो ।
प्रशासन आया हरकत में
खबर के बाद कोटा तहसीलदार प्रमोद गुप्ता ने इस परिवार की सुध ली और बेलगहना से रतिराम को मिलने वाली मुआवजे की फाईल मंगाई और तत्काल दस हजार रूपए की सहायता राशि देने का आदेश पारित कर दिया । उम्मीद है अब जल्द ही रतिराम और श्यामबाई को दस हजार की आर्थिक मदद मिल जाएगी ।
कोटा तहसीलदार प्रमोद गुप्ता ने कहा कि – मुझे जब ये जानकारी हुई मैने तत्काल नायाब तहसीलदार को फाईल लेकर बुलाया और दस हजार की आर्थिक मदद स्वीकृत कर दिया है । एक दो दिन में चेक रतिराम को दे दिया जाएगा ।
आवास भी मिलना चाहिए
रतिराम के लिए दस हजार की ये मदद बहुत बड़ी है । जनपद को भी चाहिए कि वो करवा के सरपंच सचिव और आवास मित्र से जानकारी ले कि रतिराम का आवास क्यों नहीं बना । क्या दिक्कत है और यदि कोई दिक्कत हो तो उसे दूर करते हुए इस परिवार को आवास स्वीकृत किया जाए ।