तख़तपुर
जरौंधा धान खरीदी केंद्र में पहले टोकन कटाने को लेकर किसानों ने हंगामा कर दिया। इसके कारण टोकन कटने का काम 11:00 बजे तक शुरू नहीं हो पाया था। जबकि किसान सुबह 5:30 बजे से ही खरीदी केंद्र में टोकन कटाने पहुंच गए थे। टोकन कटने की बारी का निर्धारण करने को लेकर किसान दो गुटों में बैठकर हंगामा करने लगे जिसके कारण देरी हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तखतपुर क्षेत्र के ग्राम जरौंधा धान खरीदी केंद्र में सुबह से ही किसानों का आगमन शुरू हो गया था। किसान अपनी जमीन की पर्ची लेकर सुबह 5:30 बजे से ही केंद्र में पहुंच गए थे। और पूर्व में की गई व्यवस्था के अनुसार आपस में पर्ची को इकट्ठे करके जमा कर क्रम बनाने का काम कर रहे थे। वही कुछ किसान ऐसे भी थे जिन्होंने केंद्र प्रभारी से संपर्क किया था ,तो उसने पर्ची जमा नहीं करने और लाइन लगाने की बात कही थी जिसके कारण पर्ची को जमाना कर लाइन लगाकर खड़े हो गए। जमा किए जा रहे पर्ची में 50 50 के 7 बंडल हो गए थे वही लगभग 50 किसान लाइन में भी लग चुके थे। जब केंद्र प्रभारी धान खरीदी केंद्र पहुंचा तो पर्ची जमा करने वाले और लाइन लगाने वाले दोनों समूह के किसानों ने अपना टोकन पहले काटे जाने की बात कह कर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसके कारण विवाद की स्थिति निर्मित होने लगी और केंद्र प्रभारी ने टोकन काटने से मना कर दिया ।इस पर किसान और आक्रोशित हो गए और हंगामा करना शुरू कर दिया किसानों का कहना था कि जिस तरह से पूर्व में पर्ची जमा करके टोकन काटा जाता था उसी तरह से जमा किए गए पर्ची से ही टोकन काटने की शुरुआत की जाए। और जो लाइन में लगे हैं वह अपनी जमीन की पर्ची जमा कर दें ।किंतु लाइन में लगने वाले किसानों का कहना था कि जब हमने केंद्र प्रभारी से पूछा था तो उसने कहा था कि पर्ची को जमा नहीं करेंगे लाइन लगाकर खड़े रहेंगे जब आऊंगा तो टोकन कटेगा। यदि पर्सी जमा करने का होता तो हम भी पहले से ही पर्ची जमा कर दिया रहते लाइन में नहीं खड़े रहते । इसको हंगामा के बीच सुबह से केंद्र में पहुंचे हुए किसानों के लिए टोकन काटने का काम 11:00 बजे तक भी शुरू नहीं हो पाया था। बात में केंद्र प्रभारी ने दोनों समूह के किसानों से बात कर बीच का रास्ता निकाला और जमा किए गए पर्ची में से 10 लोगों और लाइन में लगे हुए किसानों के एक पर्ची को लेकर टोकन देने की बात कही जिस पर किसान थोड़ी आनाकानी के बाद सहमत हो गए और टोकन करने का काम शुरू हो गया।
दूसरी बार ही काटा गया है टोकन
धान खरीदी केंद्र जरा में 6 तारीख को पहली बार टोकन काटा गया था जिसमें 24 तारीख तक की खरीदी के लिए किसानों को टोकन दिया जा चुका था और किसानों से कहा गया था कि 23 तारीख को फिर से टोकन काटा जाएगा इस बीच टोकन करते में लगभग 17 दिन का समय गुजर गया इसके कारण किसान परेशान थे और 23 तारीख को जब टोकन कटाने की तारीख आई तो सभी गांव के किसान एक साथ पहुंच गए और टोकन कटाने के लिए हंगामा शुरू हो गया आज काटे गए टुकड़ों से धान खरीदी 25 दिसंबर से ही शुरू हो पाएगा क्योंकि 24 दिसंबर तक की खरीदी के लिए टोकन 6 तारीख को ही काटा जा चुका है।
तीन हजार की है लिमिट
एक तरफ सरकार कहती है कि धान खरीदी में केंद्रों के लिए कोई लिमिट नहीं है किसान जितना चाहे उतना धान बेच सकते हैं किंतु केंद्रों के लिए सॉफ्टवेयर में ही प्रतिदिन का लिमिट निर्धारित कर दिया गया है जिसके कारण निर्धारित यूनिट से अधिक की धान खरीदी नहीं की जा सकती है धान खरीदी केंद्र जरा उठा की प्रतिदिन की खरीदी लिमिट 3000 क्विंटल है ।इससे अधिक की खरीदी नहीं की जा सकती है ।इस आधार पर 6 दिसंबर को 24 तारीख तक के लिए टोकन काट दिया गया था ।और आज दूसरी बार 3000 प्रतिदिन के लिमिट के हिसाब से टोकन काटे जाने थे।
केंद्र प्रभारी कमल पाली का कहना था कि किसानों के प्रति जमा करने के बाद टोकन देने से किसानों के पर्ची इधर उधर हो जाने या गुम जाने का जोखिम होता है इसके कारण किसानों को लाइन लगाने के निर्देश दिए गए थे किंतु किसान पूर्व की भांति पर्ची जमा कर टोकन कटवाना चाह रहे थे व्यवस्था बनाकर किसानों को टोकन दिया गया है