कोरोना से बचाने गाँव के मुखिया खुद कर रहे रखवाली!

सुरज सिंह

मस्तुरी

मस्तुरी ब्लॉक के ग्राम जुहली में सरपंच खुद करते है गांव वालों को बचाने के लिए चौकीदारी

मस्तुरी ब्लॉक में एक गांव ऐसा भी है जहाँ के सरपंच प्रत्येक कार्य मे स्वयं कार्यशील सहभागिता के साथ अगुवाई करते है। इस पंचायत का नाम जुहली है ।पहली बार सरपंच बने त्रिभुवन गोड पेसे से किसान है गांव की आबादी लगभग 2000 है। यहाँ की लगभग एक तिहाई आबादी हर साल काम की तलाश में दूसरे राज्य में पलायन करती है। अभी कोरोना महामारी का प्रकोप सब तरफ है इसलिए लोग पहले ही गांव लौट रहे है ।आने वालों के लिए 2 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए है ,जहाँ सभी जनप्रतिनिधियों की ड्यूटी लगी हुई है। चौकीदार के लिए यहां सरपंच ने भी अपना ड्यूटी लगाई है। सबसे पहले दिन सरपंच खुद चौकीदार बन कर क्वारंटाइन सेंटर में चौकीदारी किये। उसके बाद सभी पंचों ने भी डयूटी करना शुरु किया। सरपंच का कहना है कि गांव वालों को बचाने के लिए मुझे 24 घंटे ड्यूटी देना पड़ेगा तो मैं वो भी कर सकता हूँ, क्योंकि मुझे पता है कि कोरोना वायरस से बचने व बचाने का एक ही रास्ता है वो है सावधानी,जब तक इसकी कोई स्थायी दवा न उपलब्ध हो जाये। सरपंच ने बताया कि हफ्ते में एक दिन पूरे गांव को सेनेटाइज किया जाता है ,और बाहर से आये हुए मजदूरों को छोड़ते समय सेनेटाइज कर के छोड़ा जाता है ।यहाँ लगभग 30 लोग अभी क्वारंटाइन सेंटर में है। बाकी लोगो की छुट्टी हो चुकी है।
इसके अलावा उपसरपंच सकुन्तला पोर्ते, पंच रामभजन, द्रोपती, संजू गंधर्व ,कांति बारकडे, कान्ति पोर्ते, राजेंद्र सुकरवार, रामनारायण आदि का सहयोग प्राप्त हो रहा है।

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