बिलासपुर
ब्यूरो- धमतरी कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने एक आदेश जारी करते हुए अशासकीय विद्यालयों के द्वारा फीस बढ़ाये जाने पर रोक लगा दिया है।इसके साथ ही पालको के फीस बकाया होने पर बच्चो को स्कूल में पढ़ाने से मना करने पर भी पाबंदी लगा दी है।यह आदेश कोरोना के कारण लोगो की आर्थिक मंदी को देखते हुए जारी किया गया है।सभी शिक्षाधिकारियों को इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
कोविड-19 के कारण लागू लॉक डाउन से लोगो के काम धंधे या तो बन्द है या आमदनी नही के बराबर है।इस स्थिति को देखेते हुए कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी जय प्रकाश मौर्य ने आदेश जारी करते हुते अशासकीय के फीस वृद्धि करने तथा शाला में प्रवेश की अंतिम तारीख निर्धारित करने पर रोक लगा दिया है। कलेक्टर ने आदेश में लिखा है कि कोरोना के चलते लॉक डाउन लगने के कारण लोगों की आर्थिक परिस्थितियां बिगड़ गई है ऐसे में वे स्कूलों की बढ़ी हुई फीस देने में असमर्थ होंगे। अशासकीय विद्यालय अपने विद्यालय में स्कूल फीस में वृद्धि नहीं कर सकेंगे ।साथी स्कूल फीस जमा करने तथा प्रवेश की तिथि निर्धारित करने से भी मनाही की गई है ।इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन फीस बकाया के नाम पर किसी भी विद्यार्थी को विद्यालय से नहीं निकाल सकेंगे।जो माता-पिता स्वेच्छा से स्कूल फीस का भुगतान करना चाहते हैं, वे फीस का भुगतान कर सकते हैं। किन्तु ऐसे माता-पिता जो फीस का भुगतान करने में सक्षम नही हैं, ऐसी स्थिति में स्कूल प्रबंधन विलंब से स्कूल की फीस का भुगतान के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकता है। विद्यालय यूनिफॉर्म के रूप में एक निर्धारित रंग के मास्क लगाने का नियम नहीं बना सकेंगे और ना ही स्टाफ की छटनी नहीं कर सकेंगे। विद्यालय स्टाफ की छटनी कलेक्टर द्वारा बनाई गई समिति के अनुमोदन के पश्चात ही कर सकेंगे।इस आदेश के सख्ती से पालन के8ये जाने का उत्त्तरदायित्व शिक्षाधिकारियों को सौंपा गया है।